श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में जनेऊ संस्कार का आयोजन किया गया जिसमें श्री झूलेलाल मंदिर के संत लाल साई जी के सुपुत्र वरुण व ओम साईं का जनेऊ संस्कार हुआ
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल वह बाबा गुरमुखदास जी के मूर्ति पर माला पहना कर दीप प्रज्वलित करके की गई सर्वप्रथम वरुण व ओम का मुंडन कराया गया उसके बाद स्नान करके तैयार होकर मंदिर में जाकर माथा टेका गुरुजी रामदास जी से आशीर्वाद लिया जनेऊ संस्कार की विधि विधान से पूजा अर्चना हवन यज्ञ पंडित पूरन शर्मा व उनके सहयोगी पंडितों ने करवाया पंडित जी ने बताया 16 संस्कारों में से सातवा संस्कार है जनेऊ संस्कार जब तक किसी भी बालक का जनेऊ संस्कार नहीं होता है तब तक वह शादी करने का उत्तराधिकारी नहीं बनता है जनेऊ संस्कार के बाद ही वह धर्मिक कार्य कर सकता है और उसके बाद ही भगवान यज्ञ में दी गई आहुति को शिव कार करता है छोटी उम्र में ही जनेऊ संस्कार इसलिए किया जाता है ताकि बच्चे को जनेऊ संस्कार के बारे में जानकारी मिल सके वह जैसे वह बड़ा हो सके सारे संस्कार उसके अंदर आ सके वह उसे अमल कर सके हिंदू धर्म में जनेऊ संस्कार का बहुत बड़ा महत्व है उसके बारे में भी सब बताया पंडित पूनम शर्मा ने विधि विधान के साथ जनेऊ संस्कार कराया कार्यक्रम 10:00 बजे आरंभ हुआ 12 बजे समापन हुआ जनेऊ संस्कार में बच्चों को आशीर्वाद देने के लिए जबलपुर के संत गुरु जी राम दास जी छत्तीसगढ़ विधानसभा सभा के प्रतिपक्ष के नेता माननीय श्री धरमलाल कौशिक जी रायपुर उत्तर के पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी छत्तीसगढ़ सिंधी युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अमित चिमनानी विशेष तौर पर मुख्य अतिथि के रूप में मंदिर पहुंचे वरुण व ओम साई को आशीर्वाद दिया इस अवसर पर संत लाल साई जी ने आए हुए अतिथियों का शाल पहनाकर सम्मान किया पत्रकार फोटोग्राफर विजय दुसेजा व गोविंद दुसेजा का भी सम्मान किया गया
जनेऊ संस्कार का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों भक्तों ने घर बैठे जनेऊ संस्कार के इस आयोजन को देखा व सोशल मीडिया के माध्यम से साई जी को बधाई दी इस आयोजन में वरुण व ओम को आशीर्वाद देने के लिए बाबा गुरमुखदास सेवा समिति श्री झूलेलाल सेवा समिति के छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश महाराष्ट्र के कई शहरों के सीमित सदस्य शामिल हुए
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाठा झूलेलाल सेवा सखी महिला समिति के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहा श्री विजय दूसेजा जी की खबर