डोकला गोटाटोला से पाटेश्वर धाम तक क्षेत्र के में पहली बार 21 अगस्त को होगी 30 किलोमीटर की विशाल कावड़ यात्रा
पूरे प्रदेश से आये सैकड़ो कांवड़ियां भक्त करेंगे पाटेश्वर धाम में जलाभिषेक
14 अगस्त
विगत 16 महीने से प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग का आयोजन संत श्री राम बालक दास जी के द्वारा सीता रसोई संचालन वाट्सएप नाम से चार ग्रुप में किया जाता है
आज की ऑनलाइन परिचर्चा में डुबोवती यादव ने जिज्ञासा रखी की सुंदरकांड से क्यों मिलता है धार्मिक लाभ और शुभ अवसरों पर सुंदरकांड का पाठ क्यों
इस प्रसंग पर प्रकाश डालने की कृपा होगी भगवन..., बाबा जी ने बताया कि भारतीय धर्म शास्त्रों में कहीं भगवान की कथा होती है तो कहीं पर भक्तों की कथा मिलती है लेकिन सुंदरकांड में भक्त और भगवान दोनों की कथा है भगवान और भक्त के कथा का ऐसा सुंदर सम्मिश्रण केवल और केवल सुंदरकांड में ही मिलता है वैसे भी सुंदरकांड रामचरितमानस का मूल भाग है तथा इसे रामचरितमानस का हृदय भी कहा गया है इसीलिए सुंदरकांड का पाठ करने से संपूर्ण रामायण का फल प्राप्त होता है और मन में सुंदर-सुंदर भाव भी उत्पन्न होते हैं और घर भी पावन हो जाता है इसीलिए हर शुभ अवसर पर सुंदरकांड के पाठ की महिमा है
दाताराम साहू जी ने जिज्ञासा रखी थी
प्रभु तव आश्रम आएं मोर मोह भ्रम भाग।कारन कवन सो नाथ सब कहहु सहित अनुराग।। पूज्य गुरुदेव जी पक्षीराज गरुड़ जी के काकभुशुण्डि जी के यहां पहुंचते ही ,मोह कैसे दूर हो गया, इस पर प्रकाश डालने की कृपा करें, बाबा जी ने बताया कि आश्रम शब्द की उत्पत्ति ही ऐसे भावों से हुई है जिससे कि श्रम दूर हो जाए, मोह और माया से अभिप्राय है कि हम उसके पीछे दौड़ते ही जाते हैं और उसके पीछे दौड़ते दौड़ते हम अपने जीवन में अत्यधिक थक जाते हैं और जब हम आश्रम में आकर अपना मोह प्रभु को समर्पित कर देते हैं तो थकान हमें महसूस नहीं होती इसीलिए जब पक्षीराज गरुड़ जी आश्रम में काग भुसुंडि के पास पहुंचते हैं तो उनका मोह भंग हो जाता है
रामेश्वर वर्मा जी ने जिज्ञासा रखी की
राम सच्चिदानंद दिनेसा। नहिं तहं मोह निसा लवलेसा।।सहज प्रकासरूप भगवाना। नहिं तहं पुनि बिग्यान बिहाना।। इस चौपाई पर प्रकाश डालने की कृपा करेंगे गुरुवर।, इन पंक्तियों के भाव के स्पष्ट करते हुए बाबा जी ने बताया कि जिस तरह सूर्य के उदय हो जाने पर रात्रि का आभास नहीं होता वैसे ही राम जी जिनके पास मोह निशा का भाव ही नहीं होता प्रत्येक प्रकाश के हेतु के लिए किसी ना किसी के कारक का होना आवश्यक होता है परंतु राम जी भारतवर्ष के ऐसे सूर्य हैं जो सहज प्रकाश रूप हैं उन्हें प्रकाशित होने के लिए किसी भी प्रकार की आवश्यकता नहीं
14 अप्रेल 2020 से प्रारम्भ ऑनलाइन सत्संग को आज 16 महीने पूरे हुए इस अवसर पर बाबाजी ने सबको बधाइयां दी
साथ ही आज घोषणा की गई कि आगामी 21 अगस्त शनिवार को डोकला गोटाटोला से पाटेश्वर धाम तक 30 किलोमीटर की विशाल प्रदेश स्तरीय भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन होगा जिसमें पूरे प्रदेश और पाटेश्वर धाम क्षेत्र के हजारों भक्तगण एवम माताएं बहने बच्चे सम्मिलित होंगे
इस हेतु आज बाबाजी ने डोकला और गोटाटोला में बैठक भी ली जहां सैकड़ो की संख्या में भक्तगण उपस्थित हुए
इस प्रकार आज का ऑनलाइन सत्संग संपन्न हुआ
जय गौ माता जय गोपाल जय सियाराम