भावना फाउंडेशन का अनूठा अभियान- रक्षाबंधन पर एक राखी एक पेड़ के जरिए पर्यावरण संरक्षण का दिया अनूठा संदेश, कई भाई बहनों ने रोपे पौधे तो कहीं पेड़ों को बांधा गया रक्षा सूत्र

भावना फाउंडेशन का अनूठा अभियान- रक्षाबंधन पर एक राखी एक पेड़ के जरिए पर्यावरण संरक्षण का दिया अनूठा संदेश, कई भाई बहनों ने रोपे पौधे तो कहीं पेड़ों को बांधा गया रक्षा सूत्र

भावना फाउंडेशन का अनूठा अभियान- रक्षाबंधन पर एक राखी एक पेड़ के जरिए पर्यावरण संरक्षण का दिया अनूठा संदेश, कई भाई बहनों ने रोपे पौधे तो कहीं पेड़ों को बांधा गया रक्षा सूत्र

भावना फाउंडेशन का अनूठा अभियान- रक्षाबंधन पर एक राखी एक पेड़ के जरिए पर्यावरण संरक्षण का दिया अनूठा संदेश, कई भाई बहनों ने रोपे पौधे तो कहीं पेड़ों को बांधा गया रक्षा सूत्र

बालोद। छत्तीसगढ़ की भावना फाउंडेशन के द्वारा बालोद सहित पूरे जिले में इस  रक्षाबंधन पर्व को खास बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण थीम एक राखी एक पेड़ अभियान चलाया गया था  इसके अंतर्गत जहां भाई बहनों ने राखी बांधने के बाद एक दूसरे के प्रेम को समर्पित करते हुए पौधे लगाकर उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया तो वही जो पौधे बड़े हो चुके हैं उन पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी रक्षा का संकल्प भी लिया गया। पूरे छत्तीसगढ़ में यह अभियान जारी रहा। 

जहां  बालोद ही नहीं बल्कि अलग-अलग जिले से लोगों ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया भावना फाउंडेशन की संस्थापक दीपक थवानी सहित इस अभियान की प्रेरणा स्रोत डॉक्टर लोकेश कादम्बिनी पारकर व शिक्षिका कादम्बिनी लोकेश यादव पारकर ने बताया कि ऐसा करने का उद्देश्य पर्यावरण संतुलन को बरकरार रखना है। हम देख रहे हैं कि आए दिन पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है। कहीं समय पर बारिश नही हो रही। अल्प वर्षा, अवर्षा की स्थिति बनी हुई है। इससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी विकराल हो सकती है। जिसे भांपते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए अभियान शुरू किया गया है। ताकि लोग अपनी जिम्मेदारी समझे और आने वाले दिनों में दिक्कत ना हो  ना हीं पर्यावरण असंतुलित हो।

 गिफ्ट के रूप में मिले पौधे तो कहीं पौधों का गुलदस्ता 

इस रक्षाबंधन पर्व को खास बनाते हुए कई जगह भाइयों बहनों ने प्रेम का एक अनूठा संदेश प्रस्तुत किया तो कई जगह पौधे लगाकर भाई बहनों ने मिलकर उसकी सुरक्षा का संकल्प लिया। तो पौधों को भी राखी बांधी गई और उसे सुरक्षा घेरा भी दिया गया। चिल्हाटी कला के कमल कांत साहू ने अपनी बहन के साथ इसी तरह से एक पौधा लगा  कर उसे सुरक्षा दिया। तो वही डॉक्टर पारकर ने भी गुंडरदेही में अपनी बहनों के साथ एक पौधा लगाकर उसे सुरक्षित रखने का बीड़ा उठाया। तो वही कई जगह भाइयों ने राखी बांधने के बाद अपने आसपास पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा का संकल्प भी लिया। बालोद के अलावा राजनांदगांव, गरियाबंद, भिलाई दुर्ग सहित अन्य जिलों में भी यह बयान सुबह से जारी है और भाई बहनों ने राखी के साथ पौधों के रोपण के साथ इस राखी को नए अंदाज में मनाया। इसके अलावा राखी से 1 दिन पहले राखी सेलिब्रेशन और रक्षा सूत्र अभियान भी चला। जिसमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर रायपुर, शासकीय मिडिल स्कूल पीसेगांव दुर्ग,शासकीय हाई स्कूल जुंगेरा बालोद, शासकीय हाई स्कूल भन्डेरा बालोद, प्राथमिक शाला गीदम दंतेवाड़ा,  शासकीय प्राथमिक शाला माधोपारा हराम  दंतेवाड़ा, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्नेवाड़ा बालोद, प्राथमिक शाला भीमदो सहित अन्य स्कूल के बच्चों ने भी पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधे तो वही रक्षाबंधन के दिन प्राथमिक शाला को  नगरी के बच्चों ने स्वयं से ही राखी बनाकर भाइयों को राखी बांधी। बहनों के नाम से नारियल, आंवला के पेड़ लगाए गए ।बालोद की ही बात करें तो यहां साक्षी यदु और आदित्य यदु ने राखी बांधने के बाद अपने आंगन में पौधे लगाए। भिलाई से अंजनी सोनी, राजनांदगांव से मौलिक नामदेव, अभनपुर से गुनिता साहू सकरी, खुशबू अभनपुर, गीदम दंतेवाड़ा से कृष और रोली, महेश सोनी गीदम, सुकमा से जवानों ने भी पौधरोपण कर इस अभियान का हिस्सा बने। तो दल्ली राजहरा  भरदा से प्राचार्य उमेश अग्रवाल  ने भी इसमें सहभागीता दिखाई। कोपरा गरियाबंद से योगेश साहू, विक्की साहू, कटंगी बालाघाट, मध्य प्रदेश से नमन दीक्षित, बड़गांव से अर्जुन, डौंडीलोहारा से दीपक थवानी, बड़गांव से ही वैभव ,डौंडीलोहारा से शिवेंद्र बहादुर और केपी साहू सहित अन्य कई पर्यावरण प्रेमी इस अभियान के सहभागी बने।

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