भावना फाउंडेशन की अनूठी पहल- एक राखी-एक पेड़ चलेगा अभियान ताकि पर्यावरण असंतुलन को रोक सके - स्कूल के बच्चों ने लिया इस अभियान मे हिस्सा
बालोद। छत्तीसगढ़ की भावना फाउंडेशन के द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनूठा प्रयास किए जाएगा। इस आने वाली रक्षाबंधन पर्व को फाउंडेशन के सदस्य पूरे छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण थीम पर मनाएंगे। इसमें इनके द्वारा एक राखी एक पेड़ अभियान शुरू किया गया है इस अभियान का मकसद लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा का संकल्प लेना है। इसमें खासतौर से भाई बहनों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे राखी बांधने के साथ सुरक्षा का संकल्प तो लेते ही हैं, एक पौधा लगाकर उनकी सुरक्षा का भी संकल्प लें ।ताकि इस बहाने ज्यादा से ज्यादा पौधे लगे और पर्यावरण संतुलन हो। हम देख रहे हैं कि वर्तमान में विदेशी ही नहीं बल्कि भारत में भी कई इलाकों में पर्यावरण असंतुलित हो रहा है। समय पर बारिश नहीं हो रही है। कहीं अल्प वर्षा, कहीं अवर्षा तो कहीं अत्यधिक वर्षा की स्थिति है।
खंड वर्षा हो रही है तो कहीं सूखे की स्थिति है। इससे कृषि से लेकर हर व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। तो वही जनजीवन भी आने वाले दिनों में खतरे में पड़ सकता है। भावना फाउंडेशन के संस्थापक दीपक थवानी का कहना है कि हमारा उद्देश्य पर्यावरण असंतुलन को रोकना है। विगत महीनों से हम पर्यावरण को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। चाहे पेड़ों की कटाई रोकने के लिए दैहान जंगल बचाने का अभियान हो, चाहे अलग-अलग अवसरों पर पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा का संकल्प दिलवाना। अब रक्षाबंधन पर एक राखी एक पेड़ जितने राखी उतने पेड़ का नारा देकर भाइयों और बहनों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है। अपील की जा रही है कि भाइयों द्वारा बहनों को एक अनूठा उपहार दें। इस राखी अपने बहनों के लिए एक पेड़ जरूर लगाएं और बहने उस पर राखी भी बांधे भावना फाउंडेशन की पहल से अपनी बहनों के लिए आने वाले भविष्य के लिए प्रकृति को संतुलित बनाए रखने के लिए इस रक्षाबंधन अपने राखी के लिए, अपने बहन के लिए उनके नाम से एक पेड़ जरूर लगाएं। ताकि जितनी राखी उतने पेड़ का संकल्प भी पूरा हो तो साथ ही। एक दूसरे को प्रेरित करने के लिए अपनी बहन व पेड़ के साथ एक सेल्फी फोटो लेकर सोशल मीडिया में हैजटैग- एक राखी एक पेड़ से पोस्ट भी कर सकते हैं ।
कहां से मिला आइडिया
भावना फाउंडेशन के संस्थापक दीपक थवानी का कहना है एक राखी एक पेड़ का आइडिया डॉ लोकेश पारकर यादव के द्वारा मिला। जो की भावना फाउंडेशन के सदस्य हैं और पूर्व में गुंडरदेही में पदस्थ थे। वर्तमान में नवापारा राजिम में पदस्थ हैं। उनकी पत्नी शिक्षिका बड़गांव हायर सेकेंडरी स्कूल बालोद, कादम्बिनी लोकेश यादव पारकर भी भावना फाउंडेशन के सदस्य हैं। दोनों पति पत्नी अपने क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की पहल करते रहते हैं तो वहीं उन्होंने इस राखी को नए अंदाज में मनाने के लिए इस अभियान की कल्पना की जिसे मूर्त रूप देते हुए इसे पूरे छत्तीसगढ़ में अपनाया जाएगा। मानव सेवार्थ भावना फाउंडेशन वर्तमान में बालोद ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कार्यरत हैं कई जगह सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। कोरोना काल में भी ऑक्सीजन, एंबुलेंस सेवा कार्य किए गए कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से कइयों की जान भी गई। इसलिए ऑक्सीजन का महत्व समझते हुए लोगों को अब पर्यावरण संरक्षण में बिल्कुल भी पीछे ना रहने की बात के लिए प्रेरित करते हुए भावना फाउंडेशन अलग-अलग मौकों पर पर्यावरण को बढ़ावा देने का काम कर रही है और इस क्रम में एक राखी एक पेड़ भी उसी का हिस्सा है। लोगों से ज्यादा से ज्यादा इस अभियान से जुड़ने की अपील की गई है।