नुक्कड़ नाटक मौत से जिंदगी का सफर शानदार मंचन किया गया

नुक्कड़ नाटक मौत से जिंदगी का सफर शानदार मंचन किया गया

नुक्कड़ नाटक मौत से जिंदगी का सफर  शानदार मंचन किया गया

नुक्कड़ नाटक मौत से जिंदगी का सफर  शानदार मंचन किया गया


नुक्कड़ नाटक मौत से ज़िन्दगी का सफर के माध्यम से बढ़ते कदम एवं संहयोगी संस्था हुमेटेरियन(मानव वादी युवा संगठन के  प्रयासों से
 स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए 75 रक्त यूनिट एकत्र किया 

रायपुर. संस्था बढ़ते कदम के अध्यक्ष धनेश मटलानी, उपाध्यक्ष प्रेेमप्रकाश मध्यानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि संस्था बढ़ते कदम एवं सहयोगी संस्था हुमनटेरियन के युवा साथियों द्वारा बिलासा ब्लड बैंक शंकर नगर के सहयोग से मरीन ड्राईव, तेलीबांधा में दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक स्वतंत्रता दिवस के की 75वीं वर्षगाठ पर थैलीसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए 75 यूनिट रक्त सर्वसमाज से प्राप्त किया। जिसमें युवा साथियो इस रक्तदान शिविर को सफल बनाया शिविर में उपस्थित हुए - संस्था के संयोजक इंद्रकुमार डोडवानी पूर्व अध्यक्ष नंदलाल मूलवानी, राजू भाई तारवानी, सुनील नारवानी वर्तमान अध्यक्ष धनेश मटलानी, कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार मंगतानी,   मीडिया प्रभारी राजू झामनानी एवं सुनील छतवानी,जस्सू राहजा, मनोज लच्छवानी, रतन सोनी, प्रदीप सिंहानी

संस्था के महासचिव बंटी जुमनानी, रक्त प्रभारी यथार्थ गुरूबक्षाणी एवं आदित्य कुकरेजा ने बताया कि 14 अगस्त को शाम 5 बजे से 7 बजे तक रक्तदान का महत्व एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से युवा साथियों द्वारा नुक्कड़ नाटक मौत से ज़िन्दगी का सफर युवा साथियो द्वारा आयोजित कर सर्वसमाज को जागरूक करने में सफल रहा। संस्था नियमित रूप से रक्तदान का कार्य भी कर रही है, यदि किसी व्यक्ति को रक्त की आवश्यकता होती है और उसके बदले वह कोई दूसरा ग्रुप संस्था को उपलब्ध कराता है तो उसे चाहा गया रक्तग्रुप 10 से 15 मिनट में उपलब्ध करा दिया जाता है। इस प्रकार प्रतिवर्ष 4 रक्तदान षिविर का आयोजन किया जाता है।

रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है। जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मोत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते है और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम करते है। अचानक दुर्घटना या बीमारी का षिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी षिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है। जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते है, तो क्यों नही हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें

श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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