ब्रम्हाकुमारी बहनों के द्वारा पत्रकारों को रक्षा सूत्र बांधा गया
वह कोरोना वारियर्स के रूप में सम्मान किया गया
रामा ग्रीन सिटी खमतराई रोड बिलासपुर में स्थित ब्रह्माकुमारी सेंटर मैं श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर पत्रकारों को रक्षा सूत्र बांधा गया
कार्यक्रम की शुरुआत आए हुए सभी पत्रकारों को तिलक लगाकर फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया
सेंटर की संचालिका राखी बहन के द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी की सभी पत्रकारों को बधाइयां दी वह ज्ञान और वर्धक जानकारियां दी
कहा कि जिस तरह कोरोना काल में पत्रकारों ने निस्वार्थ और निडर होकर पत्रकारिता की एक-एक खबर आम जनता तक पहुंचाई
अपनी जान की परवाह किए अपने परिवार की चिंता किए बिना उन्होंने अपने कर्तव्य का पालन किया
पत्रकार
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होता है समाज में इनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है हर एक अच्छी बुरी सकारात्मक नकारात्मक खबरों को कवर करके पेपर के माध्यम से चैनल के माध्यम से वह अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं
दिनभर की भागदौड़ के साथ शरीर के साथ-साथ मन भी थक जाता है इसके लिए जरूरी है कि कम से कम 10 मिनट आप ध्यान में बैठे जब आप ध्यान में बैठेंगे आपका मन भगवान के प्रति होगा तब तन के साथ मन भी हल्का महसूस करेगा वह आपको एक अंदर में दिव्य ज्योति दिखाई देगी जिससे आपका तन और मन दोनों प्रसन्न हो जाएंगे
इस अवसर पर प्रेस क्लब बिलासपुर के अध्यक्ष वीरेंद्र भाई ने कई भक्ति भरे भजन गाए
पहला है
प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते तुम हो कन्हिया नाम मेरा हो रहा है
दूसरा है
यह रामायण की श्री राम की कथा हम सुनाते हैं
इस अवसर पर पत्रकार संतोष मिश्रा जी ने भी एक भजन गाया
सुख के सब साथी दुख में ना कोई है राम तेरो नाम ही है बाकी
कार्यक्रम में प्रेस क्लब के अध्यक्ष वीरेंद्र भाई ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा लेकिन एक कार्यक्रम में अपने परिवार के साथ गया था वहां पर एक सज्जन ने कहा कि कौन पत्रकार बनना चाहता है उपस्थित व्यक्तियों किसी ने भी हां नहीं कहा क्योंकि पत्रकार की जिंदगी खतरों से भरी होती है वह घर के लिए परिवार लिए समय बहुत कम निकल पाता है इसलिए इस फील्ड में इस लाइन में हर कोई नहीं आना चाहता है मैं भी बनना कुछ चाहता था लेकिन बन गया पत्रकार जो किस्मत में लिखा रहता है वही होता है पर जो भी हमें जिम्मेदारी का पद मिलता है उसे ईमानदारी से निभाना चाहिए और मुझे बहुत खुशी है आज इस पावन अवसर पर बाबा के घर आया हूं और जो प्यार सम्मान मुझे बहनों ने दिया है उनका में हमेशा आभारी रहूंगा
डॉ हेमंत कलवानी ने भी कहा मुझे भी बहुत खुशी है कि ऐसे पावन अवसर पर आज बाबा के घर आए हैं ओ किस्मत वाले लोग होते हैं जो भगवान के घर में बाबा के घर में सत्संग कीर्तन में आते हैं हर कोई नहीं पहुंच पाता है आज हम किस्मत वाले हैं कि हमें बाबा के घर में आने का मौका मिला है और बहनों का प्यार और सम्मान मिला है
विजय दुसेजा ने कहा कि
इरादे बनते हैं बनकर टूट जाते हैं बाबा के घर में वही आते हैं जिन्हें बाबा बुलाते हैं
हम बहुत खुश नसीब वाले हैं जन्माष्टमी के दिन हमें बाबा के इस घर में आने का मौका मिला वह बहनों के द्वारा हमें रक्षा सूत्र बांधा गया है यह रक्षा सूत्र नहीं है बल्कि एक प्यार का बंधन है बाबा का बंधन है जो बाबा के दिखाए हुए मार्ग पर हमें चलना है अपनी कलम के माध्यम से लोगों को भी जागृत करना है धर्म के मार्ग पर चलकर ही हम बुराई पर पाप पर
विजय प्राप्त कर सकते हैं
गोविंद दुसेजा के द्वारा कृष्णा रूप धारण करके अपने बाल रूप से मनमोहक मुस्कान से अपनी नटखट लीलाओं से सबका मन मोह लिया
कार्यक्रम के आखिर में बाबा का प्रसाद रूपी भोजन वितरण किया गया वह प्रसाद दिया गया
अंत में करोना काल में किए गए पत्रकारों के कार्यों को नमन करते हुए ब्रम्हाकुमारी बहनों के द्वारा सम्मान पत्र प्रदान किया गया
इस कार्यक्रम में कई पत्रकार भाई शामिल हुए जिनमें प्रमुख हैं
वीरेंद्र गहवई डॉ हेमंत कलवानी
विनीत चौहान भूपेश ओझा
विजय दुसेजा किशोर आडवाणी विकास रोहरा दिनेश आहूजा
संतोष मिश्रा प्रकाश राव
सिंधी समाज के सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित थे
जगदीश जगियासी मोहन जसेवानी गोविंद दुसेजा सुनील लालवानी हरीश मोटवानी भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती विनीता भावनानी महिला विंग बिलासपुर के सदस्य कीर्ति लालवानी वह अन्य लोग शामिल थे
श्री विजय दुसेजा जी की खबर