थदडी पर्व सिंधी समाज ने श्रदा भक्ति और प्रेम से मनाया
थदडी पर्व देशभर के साथ ही बिलासपुर में भी समाज की महिलाओं ने श्रदा भक्ति प्रेम के साथ ही माता शीतला की पूजा अर्चना करके मनाया
1 दिन पहले रात्रि को रोटी सब्जी मीठा लोला चेहरी कोकी दही बड़ा व अन्य खाने के व्यंजन बनाकर रखते हैं जल शिडकर चूल्हे को ठंडा किया जाता है
दूसरे दिन उसे खाने को सुबह से लेकर रात तक खाते हैं चूल्हा नहीं जलाते हैं 1 दिन पहले बना हुआ खाना ही ठंडा खाते हैं उस दिन गर्म चीज नहीं खाई जाती है और नहीं बनाई जाती है
सुबह नदी में जाकर पूजा अर्चना करते हैं सिंधी गुरुद्वारों में जाते हैं माता शीतला की पूजा की जाती है सिंधी लोकगीत वह भजन गाए जाते हैं
पुत्रों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की जाती है विश्व कल्याण के लिए अरदास की गई पल्लो पाया गया
थदडी पर्व बिलासपुर के अलग-अलग मोहल्लों में मनाया गया जूना बिलासपुर सिंधी कॉलोनी सरकंडा कश्यप कॉलोनी बंधवापारा नगर विनोबा नगर रामा वेली यदुनंदन नगर शनिचरी पढ़ाव जग में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
हर जगह समाज की महिलाओं का विशेष योगदान रहा जिनमें प्रमुख हैं
मां कलावती दुसेजा
विनीता भावनानी रेखा आहूजा
कंचन मलघानी भारतीय दुसेजा
मोनिका सिदारा भारतीय सचदेव चंदा ठाकुर कीर्ति सिरवानी
गरिमा साहनी आशा
वाधवानी सुषमा मलघानी
अन्नू आहूजा कोमल वाधवानी
मुस्कान सिदारा किरण चंचल जया नेहा संध्या सिदारा
अन्य महिलाओं का योगदान रहा
श्री विजय दुसेजा जी की खबर