सिन्धी समाज ने संतान दीर्घायु कामना का "थदड़ी पर्व" भक्ति और उत्साह के साथ मनाया

सिन्धी समाज ने संतान दीर्घायु कामना का "थदड़ी पर्व" भक्ति और उत्साह के साथ मनाया

सिन्धी समाज ने संतान दीर्घायु कामना का "थदड़ी पर्व" भक्ति और उत्साह के साथ मनाया

सिन्धी समाज ने संतान दीर्घायु कामना का "थदड़ी पर्व" भक्ति और उत्साह के साथ मनाया 

   सिन्धी समाज ने आज अपना महत्वपूर्ण "थदड़ी पर्व " जगह-जगह श्रद्धा ,भक्ति , और उत्साह के साथ मनाया।
        शनिचरी पडा़व स्थिति भाई वरियाराम गुरुद्वारा  मे "थदड़ी पर्व" पर प्रातःकाल से ही समाज की महिलाओं ने शीतला माता की कथा सुनकर उनकी श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा अर्चना की।

          सिन्धी समाज की श्रीमति सरिता डोडवानी ने जानकारी देते हुए बताया की सिन्धी समाज की महिलाएं अपने बच्चों के दीर्घायु की कामना  कर थदड़ी पर्व  पर माता शीतला की विशेष आराधना करती हैं। मान्यता है कि शीतला माता माताओं की प्रार्थना से प्रसन्न होकर बच्चों पर कृपा  बरसाती है और उन्हें रोग मुक्त रखती है।
        *श्रीमती सरिता डोडवानीने बताया किसी भी धर्म के त्यौहार और संस्कृति उसकी पहचान होते है। "थदिड़ी" शब्द का सिन्धी भाषा में अर्थ  है.. ठंडी.. शीतलता .. यह त्योहार रक्षाबंधन के आठवें दिन समूचा सिन्धी समुदाय हर्षोल्लास से मनाता है।*
इस दिन समाज की महिलाएं प्रातःकाल उठकर किसी जलदेवता के स्थान जैसे नदी, तालाब, कुंआँ ,नल पर जाकर  20 डुबकी या इतनी बार खुद पर पानी डालकर  21वे बार में किसी पात्र में जल भर कर  मंदिर, गुरुद्वारा में शीतला माता की विधि-विधान श्रद्धा-भक्ति के साथ पूजा अर्चना करती है। और एक दिन पूर्व. बनाए गए पकवानों का भोग लगाकर कथा सुन बच्चों के दीर्घायु होने की कामना कर  पुरे परिवार में सदा सुख समृद्धि बनी रहे इसकी आराधना कर प्रसाद ग्रहण करती हैं।
          श्रीमती सरिता डोडवानी ने बताया कि.किसी भी धर्मथदड़ी पर्व के दिन सिन्धीसमाज के घरो मे चूल्हा नहीं जलाया जाता है और पर्व के एक दिन पहले सिन्धी परिवार मे तरह-तरह व्यंजन बनाए जाते हैं। जैसे *कूपड गचु* मीठी कोकी, नमकीन रोटी, दही- बडे,  रायता , मंगू दाल के पकौड़े, सुखी तली सब्जियाँ, मक्खन रोटी आदि। रात में चुल्हे पर जल छिडक उसे शीतल कर नमन किया जाता ताकि अग्नि माता की कृपा बनी रहे।
दूसरे दिन पुरा दिन घरो मे चूल्हा नहीं जलता एवं एक दिन पहले बनाया गया ठंडा खाना ही पूरा परिविर ग्रहण करता हैं
आज इस अवसर पर शहर में जगह जगह धार्मिक आयोजन किये तथा थदड़ी पर्व उत्साह. उमंग. श्रद्धा के साथ मनाया गया इस अवसर पर महिला मंडल के द्वारा भजन, भक्ति, संगीत का कार्यक्रम किया गया
*आज के कार्यक्रम में प्रमुख.रूप से सरिता डोडवानी ,कोमल वाधवानी, माता कलावती दुसेजा,आशा वाधवानी, कंचन रोहडा,अनुसुइया ठारवानी सोनी रामानी, सुशीला मलधानी, सविता मलघानी,,कंचन ठारवानी, प्रिया जगवानी, निकिता डोडवानी,लता हरदवानी  ,ज्योति पंजाबी,मीरा हरजानी मीरा मलधानी, कौशल्या जगवानी, सरस्वती आडवाणी, वर्षा वाधवानी,दीपा भोजवानी,, लाजवंती खूशलानी,उषा चंदनानी, पलक डोडवानी,कौशल्या जगवानी, प्रिया जगवानी, अनिता भोजवानी, निकिता भोजवानी, करिश्मा आहुजा,हेमा मलधानी,रिया ठारवानी,कान्ता वासवानी, मंजू मोहनानी,कविता डोडवानी, एकता डोडवानी,मौली ठारवानी,आशा नागदेव, सविता नागदेव.रोशनी साधवानी, मंजू बोदवान,नैना मलघानी, , बबीता मलधानी,दीपा रामानी.कविता खुशालानी, पूजा डोडवानी, सविता आडवानी कीर्ति चंदनानी,देवी मलधानी सुशीला वाधवानी, रेशमा वाधवानी,,रीता वाधवानी, सुमन वाधवानी,शिखा नत्थांनी पलक सिदारा,सुनिता.वाधवानीदेवी मलधानी, रेखा मलधानी,के साथ भारी संख्या में. महिलाएं एवं युवतियां उपस्थित रहे

श्री विजय दुसेजा जी की खबर

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