शदाणी दरबार में बच्चों को दी धार्मिक संस्कारों की शिक्षा मंत्रोच्चार से होता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार
पांच साल के बच्चों से लेकर 20 साल तक के युवक-युवतियों को धार्मिक संस्कार के साथ पारिवारिक संस्कारों का पालन करने की सीख दी गई।
अमरावती के भी दो बालक शामिल हुए हैं कार्यक्रम में
पांच साल के बच्चों से लेकर 20 साल तक के युवक-युवतियों को धार्मिक संस्कार के साथ पारिवारिक संस्कारों का पालन करने की सीख दी गई। प्रशिक्षकों ने बच्चों को बताया कि प्रतिदिन सुबह मंत्रोच्चार करने से मन-मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन में अच्छे विचार आते हैं, जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। यह भी सिखाया गया कि माता-पिता के साथ ही अपने से बड़ों का आदर-सम्मान करना चाहिए। अच्छे संस्कारों से जीवन में प्रसिद्धि मिलती है। धमतरी रोड स्थित शदाणी दरबार तीर्थ में 15 दिवसीय धार्मिक एवं पारिवारिक संस्कारों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिदिन अलग-अलग विशेषज्ञों द्वारा बच्चों को धार्मिक एवं नैतिक संस्कारों की शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को वेद मंत्रों का उच्चारण के साथ पारिवारिक सदस्यों के साथ मिलकर रहने के तरीके भी बताए जा रहे हैं।
बच्चों को बताया गया कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए नेतृत्व करने का गुण मायने रखता है। वही व्यक्ति सफल होता है, जिसमें सभी को साथ लेकर चलने का गुण हो। अपने अधीनस्थों से किस तरह काम करएं और कैसे सभी का दिल जीते। बच्चों को बताया गया कि
अमरावती के देवांश राजेश साधवानी तथा मानव सूरज बजाज इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं
अब तक इन्होंने दिया प्रशिक्षण
संस्कार शिविर का उद्घाटन 15 मई को हुआ था। शिविर में 16 मई को मोटिवेशनल स्पीकर लक्ष्य टारगेट ने, 17 मई को सीए अमित चिमनानी ने, 18 मई को मुकेश निहाल ने बच्चों को व्यक्तित्व निखारने के गुर सिखाए। 19 मई को सीए चेतन तरवानी ने लक्ष्य निर्धारित करने और अपनी क्षमता पहचानने प्रेरित किया। 20 मई को अनुराग शर्मा ने बच्चों को संगीत के सुर, ताल के बारे में सिखाया। 21 मई को राजेश अग्रवाल ने जीवन में आगे बढ़ने के लिए मेहनत, साहस, ईमानदारी से कार्य करने के टिप्स दिए। 22 मई को प्रसिद्ध कथाकार देवी चित्रलेखा अध्यात्म से जीवन को सुखी बनाने पर विचार अपने विचार रखे
श्री विजय दुसेजा जी की खबर