हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए बिलासपुर में मानव श्रृंखला बनाई गई

हसदेव के जंगलों को बचाने के लिए बिलासपुर में मानव श्रृंखला बनाई गई

हसदेव  के जंगलों को बचाने के लिए बिलासपुर में मानव श्रृंखला बनाई गई

हसदेव  के जंगलों को बचाने के लिए बिलासपुर में मानव श्रृंखला बनाई गई



सेव हसदेव बिलासपुर छत्तीसगढ़ टीम द्वारा बिलासपुर में मोंन  मानव श्रृंखला गांधी चौक से लेकर नेहरू चौक तक बनाई गई
इसमें बिलासपुर के सर्व समाज के लोगों ने शामिल हुए साथ में कई संस्थाओं के अध्यक्ष व पदाधिकारी बच्चे महिलाएं बुजुर्ग

भी बड़ी संख्या में शामिल हुए यह प्रकृति को बचाने के लिए एक लड़ाई है जिसे छत्तीसगढ़ वासियों को लड़नी है जल जंगल और जमीन इस पर  समस्त छत्तीसगढ़ वासियों का हक है और इसकी रक्षा का दायित्व भी समस्त छत्तीसगढ़ वासियों का है यह किसी एक शहर एक नगर की लड़ाई नहीं है बल्कि प्रकृति को बचाने के लिए एक जन आंदोलन है इसकी शुरुआत बिलासपुर से हो चुकी है आवाज जी उसकी आवाज  तीसगढ़ के हर शहर में हर गांव में हर नगर में हर घर में पहुंचेगी पेड़ों को बचाना है प्रकृति को सवारना है हम सब को मिलकर आगे आना है पेड़ है तो जीवन है

आम जनता का कहना है विकास वह भी चाहते हैं पर विकास के नाम पर पेड़ काटना प्रकृति के साथ खिलवाड़ करना वह कतई मंजूर नहीं है विगत वर्ष करोना  काल में फर्स्ट और सेकंड में जिस तरह ऑक्सीजन की कमी हुई उससे लोगों को पेड़ों का महत्व मालूम पड़ा पर लगता है सरकार अभी भी कुंभकरण की नींद में सोई हुई है जानबूझकर उद्योगपतियों की राह पर चल पड़ी है गांधी जी की पार्टी गांधी जी को अपना आदर्श बताने वाले आज बताएं क्या गांधी जी ने कभी कहा था कि आप पेड़ों को काटे प्रकृति के साथ खिलवाड़ करें

बिलासपुर की जनता ने आज से 20 साल पहले किस तरह जगह-जगह पेड़ लगे हुए थे हरियाली थी और आज हर जगह खाली है और आरपा  मैया मृत छैयां पर पड़ी है विकास तो हुआ है पर विनाश के नाम पर हुआ है जिस तरह सड़कों को बड़ा करने के लिए अंधाधुन पेड़ों की कटाई की गई उसका भुगतान बिलासपुर की जनता ने भुगत रही है शासन कहता है कि हम 100 पेड़ काटते हैं  तो दो हजार नए पेड़ लगाते हैं हम कहते हैं आप दो  हजार पेड़  लगाए हो कम से कम आप 100, पेड़  हमें दिखा दो जो जिंदा हो बड़े हो गए हो एक पेड़ को लगाना वह उसे देखभाल करना बड़ा करना कम से कम 10 से 15 साल लगते हैं और पेड़ काटने में 10 से 15 मिनट लगते हैं एक पेड़ हजारों लोगों की जान बचाता है ऑक्सीजन देकर शुद्ध हवा देकर फल फ्रूट देकर 
आज के इस शांतिपूर्ण आंदोलन में बिलासपुर की जनता ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया इसमें सिंधी समाज के लोगों ने भी अपनी भागीदारी निभाई

जिनमें प्रमुख हैं पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के महामंत्री कमल बजाज हाईटेक आर्दश  पूज्य सिंधी पंचायत जूना बिलासपुर के अध्यक्ष श्याम हरियानी  युवा टीम से विजय दुसेजा अविनाश चौधरी भारतीय सिंधु सभा के मोहन जेसवानी ,, हीरा सिदारा
विनोद लालचंदानी गोवर्धन मोटवानी बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए  सेवा एक नई पहल के संयोजक सत राम जेठमलानी 
ब्रह्माकुमारी राजयोग के बहनों और भाइयों ने भी इस मानव श्रृंखला में शामिल हुए लायंस क्लब बिलासपुर एवं रॉयल के भी सदस्य शामिल हुए भारतीय जनता पार्टी के भी कई नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए
वत्सला एक नई सोच संस्था के अध्यक्ष भारतीय मोदी सचिव डॉ बरखा रानी सिंह कोषाध्यक्ष एकता मलिक भी बच्चों के साथ इस मानव श्रृंखला में शामिल हुए बच्चों ने अपने हाथों से पेंटिंग बनाई और लोगों को पेंटिंग के माध्यम से पर्यावरण प्रकृति और पेड़ों की रक्षा के लिए जागृत कर रहे थे

श्री विजय दूसेजा जी की खबर

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