सर्व समाज समरसता समिति का अपील एवं अनुरोध

सर्व समाज समरसता समिति का अपील एवं अनुरोध

सर्व समाज समरसता समिति का अपील एवं अनुरोध

सर्व समाज समरसता समिति का अपील एवं अनुरोध



सर्व समाज समरसता समिति दल्ली राजहरा मानती है कि भारत वर्ष समेत छत्तीसगढ़ प्रदेश भी विविधता से भरा प्रदेश है| और ये विविधता ही गुणात्मक रूप से राष्ट्र और प्रदेश कि प्रगति का घोतक है| इसलिए सभी जाति समुदाय कि संस्कृति और परंपरा का पुरे निष्ठा और आस्था के साथ सम्मान किया जाना चाहिए| 

देश प्रदेश में ऐसी कोई जाति समुदाय नही है जिनकी संस्कृति परंपरा आदिवासी संस्कृति से प्रभावित न हो|  आदिवासियों कि विविध सांस्कृतिक रीति रीवाज, वेश -भूषा, खान- पान, मूल्य व मान्यता तथा आस्था और विश्वास सुविख्यात है और इसकी विशिष्टता को अक्षुण्ण बनाये रखना हम सबका कर्तव्य है और समिति इसके लिए प्रयासरत भी है| 

यद्यपि ऐतिहासिक या दृश्यमान साक्ष्य के अभाव में वास्तविकता से अवगत होना जरा मुश्किल होता है,  तथापि पाटेश्वर धाम जामड़ी पाट आश्रम के उक्त स्थल में जहाँ वर्षो कि सेत परंपरा को भंग कर जीव बलि दी गई है,  यदि वहां आदिवासियों कि कोई देव स्थली है और पूर्व में उनके आस्था व मान्यता अनुसार कोई बलि प्रथा थी तो निश्चय ही शासन प्रशासन द्वारा भारत के संविधान के मुताबिक जांच कराकर संबंधितो को उसका अधिकार दिया जाना चाहिए| समिति ये कदापि नही चाहती कि किसी को उसके देवस्थल और उपासना पद्धति से उसे अलग किया जाये| 

    
विगत दिनों पाटेश्वर धाम जामड़ी पाट एवं निकटतम ग्राम - तुएगोंदी  में षड़यंत्र पूर्वक सामाजिक सौर्हाद्र को बिगाड़ने जो घटना घटी है| सर्व समाज समरसता समिति दल्ली राजहरा उसका सर्वत्र और घोर निंदा करती है| तथा प्रशासन से मांग करती है कि  पुलिस पूरी ईमानदारी और तत्परता से जाँच कर शांत वनांचल क्षेत्र के सामाजिक समरसता में सामाजिक वैमनस्य फैलाने वाले, उनको उकसाने वाले, उसमे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप सम्मिलित प्रत्येक व्यक्ति या पार्टी को पहचान कर उस पर अभियोग चलाये|  अन्यथा एक तरफ़ा कार्यवाही जनाक्रोश को जन्म देगा| परिणामतः स्थिति को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए मुश्किल हो जायेगा| बिना किसी के दबाव में आये प्रशासन को ये भी सुनिश्चित करना ही होगा कि निर्दोषों पर कोई आंच न आये और दोषी बच न पाये|

समिति सभी नगर एवं अंचल वासियों से करबद्ध 🙏होकर अनुरोध करती है कि सनातन धर्म   और मूल्य कि रक्षा लड़ने में नही है अपितु अपनाने में है| सभी अपने ही भाई बांधव है| हमें उन  षड़यंत्रकारियों को पहचानना होगा, उनके उद्देश्यों और स्वार्थो को जानना होगा, जो किसी न किसी तरह से सामाजिक समरसता में विध्वंश पैदा करने कि कोशिश कर रहे है| अंततः परस्पर प्रेम और सौर्हाद्र बनाये रखने कि अपील है|

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