मदर्स डे के अवसर पर ब्रह्मकुमारी बहनों के द्वारा समर कैंप का आयोजन किया गया
मदर्स डे के उपलक्ष में ब्रह्माकुमारी, ओम शांति सरोवर, उसलापुर में आयोजित समर कैंप के तृतीय दिन माताओं का सम्मान किया गया. सेवा केंद्र संचालिका बीके छाया दीदी एवं माताओं ने दीप प्रज्वलन किया. सभी माताओं ने बच्चों को दुआएं दी, की पढ़ाई करके सभी उन्नति करें, मम्मी पापा को खुश रखें, मेडिटेशन करके पढ़ाई करें क्योंकि इससे पढ़ाई में बहुत हेल्प मिलती है.
छाया दीदी ने मदर्स डे के उपलक्ष पर अपने उद्बोधन में कहा कि जो व्यक्ति जॉब करते हैं 8 घंटे या 5 घंटे, तो उनको पूरे महीने की सैलरी मिलती है. लेकिन मां जो सुबह से रात तक सारा दिन काम करते रहती है, सब की निस्वार्थ भाव से सेवा करती रहती है, सबका ध्यान रखती है लेकिन उनको कोई सैलरी नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि मां अपने बच्चे को 9 महीने अपने कोख में रखती है बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनका पूरा ध्यान रखती है लेकिन कभी भी बच्चों से फीस नहीं लेती इसलिए हमें भी अपनी मां का बहुत ध्यान रखना चाहिए, कभी भी मां को परेशान नहीं करना चाहिए, कभी भी उनको दुखी नहीं करना चाहिए.
उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि वास्तव में हम सब आत्मा हैं तो हमारी आत्मा की मां है परमात्मा और दूसरी मां हमारे शरीर की मां तो हमें दोनों मां का कहना मानना चाहिए. जैसे श्री कृष्ण की दो मां थी देवकी और यशोदा वैसे ही जो भी हमारा ध्यान रखते हैं हमें शिक्षा देते हैं वह भी हमारी मां के समान है. छाया दीदी ने माताओं के सम्मान में गीत गाया "तू कितनी अच्छी है तू कितनी प्यारी है........" छाया दीदी ने सभी बच्चों को मेडिटेशन भी कराया
बीके शांतनु भाई ने मोबाइल के फायदे और नुकसान बताएं कि हमें मोबाइल ज्यादा यूज़ नहीं करना चाहिए. कोरोना काल में मोबाइल यूज़ करते करते बच्चे मोबाइल के habitat हो गए हैं इससे टाइम बहुत वेस्ट होता है. आंखों में चश्मे लग जाते हैं. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि बच्चों को गेम्स अट्रैक्ट करते हैं, तो बहुत कम समय गेम्स खेलने चाहिए. मोबाइल यदि जरूरत हो तब यूज करना चाहिए. मोबाइल 15 साल तक के बच्चों के ब्रेन के लिए बहुत नुकसान कारक है इसलिए बच्चों को मोबाइल को ज्यादा देर नहीं देखना चाहिए.
बीके अनामिका बहन ने आत्मविश्वास का विस्तार करते हुए कहा कि जब हम दूसरों से कंपेयर करते हैं, अपनी कमी कमजोरियों को देखते हैं तो हमारा कॉन्फिडेंस लेवल कम होता है हमेशा हमें अपनी विशेषताओं को देखना चाहिए अपनी विशेषताओं को बढ़ाना चाहिए अपने गुणों के ऊपर विश्वास रखना चाहिए तो हम कोई भी कार्य कर सकते हैं. उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि जब हमें खुद पर आत्मविश्वास होता है तब हम कोई भी चीज सीख सकते हैं, क्लास में फर्स्ट आ सकते हैं, जो बनना चाहे वह बन सकते हैं और जीवन की हर परिस्थितियों को इजी पार कर सकते हैं. जब भी हम कोई अच्छा कार्य करते हैं तब हमें खुद को शाबाशी देनी चाहिए.
बीके इंद्र भाई ने पद्मासन, योग मुद्रासन, वज्रासन सिखाया. मेडिटेशन कराते हुए बच्चों को एरोबिक्स एक्सरसाइज कराया गया जिसमें बच्चों ने खूब इंजॉय किया. बी के खुशी बहन ने "जैसा सोचोगे तुम वैसा बन जाओगे......." गीत सिखाया. यह समर कैंप 15 तारीख तक रहेगा शाम को 4:30 से 6:30 बजे तक.
श्री विजय दुसेजा जी की खबर