योग जीवन जीने की कला - बीके स्वाति दीदी
आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा टेलिफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन की संचालिका बीके स्वाति दीदी ने बताया कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की विश्व में 140 देशों में शाखाएं हैं। पूरे विश्व में 140 देशों में हजारों सेवाकेंद्र के सभी भाई-बहनो के द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया धूमधाम से मनाया गया। भारत को योग गुरु कहा जाता है।
हर वर्ष योग दिवस का कोई ना कोई थीम अवश्य होता है। इस वर्ष की थीम है *"मानवता के लिए योग"*। हम सबके अंदर मानवता का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि हम सभी एक पिता की संतान हम सब एक हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सारे विश्व मे सभी शांति की तरंगें फैलाते हुए योग किया गया। योग सिर्फ शरीर को ही स्वस्थ नहीं रखता लेकिन योग जीवन जीने का एक तरीका है। योग जीवन का एक हिस्सा है। योग तंदुरुस्ती है। योग साधना है। फिर भी योग अधूरा लगता है क्योंकि शरीर की 80% बीमारियां मन के विचारों से होती है। और मन को स्वस्थ रखने के लिए राजयोग की आवश्यकता होती है। राजयोग बुद्धि को स्वच्छ करने का साधन है। राजयोग आत्मा और परमात्मा के मिलन का योग है। राजयोग तनाव को दूर करने का, मन को शान्त रखने का शस्त्र है। राजयोग के द्वरा सर्वांगीण विकास किया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी ब्रह्माकुमार भाई बहनों ने बहुत उमंग उत्साह के साथ भाग लिया। प्रोटोकॉल के अनुसार सभी भाई-बहनों ने योगा प्राणायाम तथा मैडिटेशन किया।
ईश्वरीय सेवा में,
बीके स्वाति
राजयोग भवन, बिलासपुर