साईं मसन्द नागपुर में 1 जुलाई से आयोजित 31वें साईं सुखरामदास वर्सी महोत्सव में शामिल होंगे
नागपुर में सन्तों एवं सामाजिक नेताओं से भारत को विश्वगुरु बनाने की अपनी मुहिम पर भी करेंगे चर्चा
नागपुर के सिन्धी बाहुल्य क्षेत्र जेरीपटका में स्थापित साईं वसणशाह दरबार के संस्थापक ब्रह्मलीन सन्त पूज्यपाद साईं सुखरामदास साहिब अपने जीवनकाल में ही ईश्वर के अत्यंत निकट हो चुके एक सिद्ध सन्त थे। इस 1 से 3 जुलाई तक नागपुर में उनका 31वां त्रिदिवसीय वार्षिक वर्सी (पुण्य तिथि) महोत्सव का आयोजन किया गया है। देश के विभिन्न प्रांतों से सिन्धी समुदाय के बड़ी संख्या में लोग प्रति वर्ष नागपुर में आयोजित होने वाले उनके वर्सी महोत्सव में शामिल होकर अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
रायपुर में उनके बड़ी संख्या में अनुयाई होने के अलावा उनकी बड़ी बहन, जो स्थानीय मसन्द सेवाश्रम के वर्तमान पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब की माता हैं, का निवास होने के कारण वे प्रायः रायपुर आया करते थे। वे जब भी रायपुर आते अपनी बड़ी बहन से भेंट अवश्य करते थे और उस अवसर पर साईं मसन्द साहिब से देश, धर्म और जगत के कल्याण के अपने अनुभवों को साझा करते थे। उनका साईं मसन्द साहिब से सदैव विशेष लगाव रहा। साईं मसन्द साहिब भी आरंभ से उन्हें अपना आदर्श मानते रहे हैं।
साईं मसन्द साहिब पूज्यपाद साईं सुखरामदास साहिब के वर्सी महोत्सव में शामिल होने के लिए 1 जुलाई को प्रातः 8.45 बजे मुम्बई मेल से नागपुर जाएंगे और 5 जुलाई को प्रातः 5 बजे शिवनाथ एक्सप्रेस से वापस रायपुर लौटेंगे। नागपुर में वे वर्सी महोत्सव में शामिल होने वाले नागपुर और अन्य नगरों के सन्तों एवं सामाजिक नेताओं से भारत में हर युग में लागू रहे सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित धर्म का शासन स्थापित कर भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने की अपनी मुहिम पर भी विस्तृत चर्चा करेंगे।
श्री विजय दुसेजा जी की खबर