संत युधिष्ठिर लाल जी के नेतृत्व में 625 लोगों के जत्थे ने हरिद्वार व बद्रीनाथ यात्रा की
शादाणी दरबार के संत नवम पीठाधीश डॉक्टर संत युधिष्ठिर लाल की आगवानी में 625यात्रियों का जत्था हरिद्वार ओर बद्रीनाथ धाम की यात्रा के लिए 6जून को रायपुर छत्तीसगढ़ से राजधानी एक्सप्रेस से रवाना हुवा था इस जत्थे में रायपुर के आलावा दुर्ग भिलाई बिलासपुर नागपुर अमरावती यवतमाल , ओरंगाबाद, जालना , जलगाँव, अकोला, भोपाल, होशंगाबाद, अटारसी, दिल्ली, से श्रद्धालु शामिल थे, दिल्ली स्टेशन से बसों से हरिद्वार रवाना हुआ, रात्री विश्राम , शादणी भगत निवास ओर आस पास के धर्मशाला में किया गया और , यात्रियों के खाने की व्यस्था शादाणी मंदिर में रखी गई, 8 जून को हर की पोडी में गंगा स्नान ओर पूजा की गई उसके बाद भारतमाता मंदिर दर्शन जहां शदाणी संत शादाराम साहिब जी ओर 5 वी गदीशीन परम पूजनीय माता साहेब हासिदेवी जी की मूर्ति विराजमान हैं,उनकी पूजा आरती की गई , बाद में संत शादाणी गंगा घाट पर हवन यज्ञ हूवा ओर गंगा आरती की गई , उसके बाद में
शादाणी भगत निवास में सतसंग भजन कीर्तन का आयोजन गया, इस अवसर पर श्री महामंडलेशर स्वामी अवधेशानंद जी ,।महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद जी महराज, स्वामी हंसराज जी महराज, इस्कान मंदिर से स्वामी शशपालजी महराज, स्वामी ललितानंद जी महराज,जुगतराम दरबार के महंत ओर कई संत महात्माओं ने आकर अपनी अमृतवाणी से सबको निहाल किया ,रात्रि विश्राम के बाद 9जून को सुबह 5बजे 22बसों ओर2कारों से जत्था बद्रीनाथ धाम रवाना हुआ, रात 9बजे बद्रीनाथ पहुचकर रात्रि विश्राम किया गया अगले दिन सुबह 6बजे बद्रीनाथ मंदिर में कुंड इश्नान कर बाबा का दर्शन किया ,ओर पिंड पूजन हुआ भोजन के बाद माना दर्शन के लिए रवाना हुवे ,जहां इंडिया,चाइना बॉर्डर है ,वहां भीमपुल है जिसके लिए कहते है 5 पाहुवे जब अपनी आयो पूर्ण करके सर्ग लोक जा रहे थे तो भीम जो शक्तिशाली थे अपनी शक्ति से पहाड़ों के बीच से पुल बांधे था इस पुल के रास्ते स्वर्ग लोक गए थे ,ओर सरसवती नदी भी उसी जगह है , बजरंगबली गुफा, और वेदव्यास गुफ़ा है जहा रामायण की रचना हुई थी रात को बाबाधाम में आरती में भी शमलित हुवे ओर 11को सुबह फिर कुंड स्नान ओर कुछ लोगों ने सुबह 3बजे आरती में भाग लिया , निर्जला एकादशी का व्रत भी काफी श्रद्धालुओं ने रखा,
इसके बाद 9बजे आपनी आपनी बसों से हरिद्वार के लिए रवाना हुए रात को हरिद्वार में रात्री विश्राम किया 12की सुबह संत शादाणी गंगा घाट में स्नान किया ओर पूजन के बाद मन्दिर दर्शन शाम को सतसंग भोजन के बाद बसों द्वारा दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए , यात्रा संत श्री डॉक्टर युद्धिष्टरलाल जी के सानिध्य में हुई , सभी यत्रियों को बहुत आनंद आया ये यात्रा जिंदगी की यादगर यात्रा रहेगी
यह जानकारी नानकराम के द्वारा दी गई
श्री विजय दुसेजा जी की खबर