साधू वासवानी जी मूर्ति का चतुर्थ स्थापना दिवस रामावैल्ली मे धूम धाम से मनाया गया

साधू वासवानी जी मूर्ति का चतुर्थ स्थापना दिवस रामावैल्ली मे धूम धाम से मनाया गया

साधू  वासवानी जी मूर्ति का चतुर्थ स्थापना दिवस रामावैल्ली मे धूम धाम से मनाया  गया

साधू  वासवानी जी मूर्ति का चतुर्थ स्थापना दिवस रामावैल्ली मे धूम धाम से मनाया  गया


शहर से लगे हुए रामा वैल्ली टाऊन शिप में स्थित एक मात्र साधूवासवानी गार्डन में गुरु साधू वासवानी जी की मूर्ती 4वर्ष पूर्व कलवानी परिवार द्वारा स्थापित की गयी थी.
पशु पक्षियों को भी जीने का अधिकार है यह दादा साधू वासवानी जी हमेशा कहते थे, उनका जन्म दिवस राष्ट्रिय शाकाहार दिवस के रूप  25नवम्बर को पूरे विश्व में मनाया जाता है. 
कार्यक्रम का आरंभ महिला विंग और बहु संख्या में उपस्थित कालोनी वासियों  द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया
उसके पश्चात् सुखमणि का पाठ किया गया 
और सपना कलवानी चित्रा पंजवानी के द्वारा
 विभिन्न भजनो की प्रस्तुति की गयी. 

दादा प्यारे हमारे दादा प्यारे

इस दिल में दादा जी रहते हैं

जब
तक गंगा में रहेगा पानी दादा आपकी रहेगी जिंदगानी

गुरुदेव प्यारा गुरुदेव प्यारा यह जीवन है तुम्हारा गुरुदेव प्यारा


दादा श्याम दादा श्याम हम आए हैं आपके चरणों में


संस्था प्रमुख डॉ रमेश कलवानी और नानक पंजवानी जी  ने भी भजन कि  प्रस्तुति दी. 

मीठा सिंधी प्यारा सिंधी सुठा सिंधी 


तुझे इंसान कहूं तुझे अपने प्राण कहूं मेरा दिल कहे तुझे भगवान कहूं दादा प्यारे दादा हमारे दादा


  प्रोजेक्टर द्वारा दादा जे. पी वासवानी जी व वासवानी जी
के प्रवचनों की सीडी चलाई गयी. 
जिसमें दादा अपनी अमृतवाणी में फरमाया है कि इंसान को अपना कर्म करना चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए सिर्फ अपना कर्म करो सत्य  राह पर चलो
अनमोल जीवन मिला है इसे यूं ही व्यर्थ ना गवा  आओ
इंसान हो या जानवर सब से प्रेम करो प्रेम से बड़ा और कोई दूजा नाम नहीं भगवान भी प्रेम के भूखे हैं खाने के और दौलत के नहीं
आपके कर्म अच्छे होंगे तो अंत भी अच्छा होगा
ऐसे मीठे प्रवचन सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए

कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई अरदास की गई विश्व कल्याण के लिए पल्लो पाया गया तब
पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया. आभार वंदन राजेश कलवानी द्वारा  किया गया, 
इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में
श्री सुरेश सोडेजा, नविन पंजवानी, दीपा पंजवाणी, राघवानी ऑन्टी, रीटा, रूपा, ज्योति, प्राची, सरिता,
एवं समस्त रमावेल्ली परिवारों का विशेष सहयोग रहा.

श्री विजय दुसेजा जी की खबर

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