आचार्य जैन मुनि से संतलाल साईं जी ने की धर्म विषय पर चर्चा
श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा के संत लाल साई जी नागपुर यात्रा के लिए निकले थे मंडला के पास चिल्पी गांव में जैन समाज के संत आचार्य जैन मुनि जी से सौजन्य मुलाकात हुई दोनों संत जनों में धर्म विषय पर चर्चा हुई सामाजिक देश हित के बारे में धर्म के बारे में वह कई विषयों पर चर्चा हुई आचार्य जी ने संतलाल साईं जी से पूछा कि क्या सिंध में जैन समाज के मंदिर पहले स्थापित थे अगर थे तो क्या हुआ अभी भी वहां पर मंदिर हैं जो मंदिर पुराने हो गए है उनका जीर्णोद्धार हुआ है क्या एवं म भगवान झूलेलाल जी किं महिमा के बारे में चर्चा की कैसे उनका जन्म हुआ कहां पर हुआ अभी सिंधी समाज चालिहा उत्सव मनाता है उनकी महिमा के बारे में जाना वह आचार्य जी ने कहा जैसे पहले गुरुत्वा आकर्षण पहले भी था अब भी है उसका आभास उसकी जानकारी न्यूटन ने दी पृथ्वी में जीवन पहले भी था आज भी है कल भी रहेगा जब-जब संत महात्मा भगवान पृथ्वी पर अवतार लेते हैं तो कुछ ना कुछ कल्याण हम मानव का होता है उनका अवतार लेने का उद्देश्य ही होता है जीव आत्मा को भक्ति के मार्ग से जोड़ें सत्य की राह पर ले जाएं आत्मा को परमात्मा से मेल कराएं पापों का नाश करें
यही उपदेश होता है प्रभु के अवतार का संत आत्माओं के जन्म का ऐसी मधुर अमृतवाणी में ज्ञान का रसपान करके उपस्थित सभी भक्तजन धन्य हुए संत जनों की महिमा अपरमपार है जब भी किसी भी धर्म के किसी भी जाति के संतों का मिलाप होता है तो वहां पर ज्ञान की वर्षा होती है मानव जीवन के लिए उद्धार के लिए बातें होती है उनके कल्याण के लिए मार्ग खोजे जाते हैं ऐसे ही आज भी दो संत जनों का मिलाप हुआ वह जगह भी पवित्र हो गई जहां पर ऐसे संत मिले आखिर में दोनों संत जन अपने-अपने मार्ग पर आगे चले मानव कल्याण के लिए।
श्री विजय दुसेजा जी की खबर