मन को परमात्मा से जोड़ें तभी शांति का अनुभव होगा ब्रह्मकुमारी राखी दीदी

मन को परमात्मा से जोड़ें तभी शांति का अनुभव होगा ब्रह्मकुमारी राखी दीदी

मन को परमात्मा से जोड़ें तभी शांति का अनुभव होगा ब्रह्मकुमारी राखी दीदी

मन को परमात्मा से जोड़ें तभी शांति का अनुभव होगा ब्रह्मकुमारी राखी दीदी

अकलतरा में आयोजित श्री झूलेलाल चालिहा महोत्सव मैं आज मुख्य रूप से बिलासपुर से ब्रम्हाकुमारी राखी दीदी एवं ब्रह्मा कुमारी शालू दीदी अकलतरा ब्रह्माकुमारी आश्रम से श्वेता बहन उपस्थित थी इस अवसर पर भारतीय सिंधु सभा महिला विंग की राष्ट्रीय महामंत्री विनीता भावनानी भी उपस्थित रही 
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल जी के फोटो पर माला अर्पण कर एवं दीप प्रज्वलित करके की गई तत्पश्चात ब्रह्मा कुमारी शालू दीदी ने अपने उद्बोधन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया उन्होंने बताया कि हमारा जीवन बहुत अमूल्य है हम सब बहुत भाग्यशाली हैं कि ऐसे अवसर कम मिलते हैं और इनका लाभ हमें अवश्य उठाना चाहिए 40 दिन का यह भक्ति संगीत का कार्यक्रम ऐसे ही संपन्न हो यह ना हो बल्कि हमें अपने जीवन के लिए 40 संकल्प लेने चाहिए और व्रत करने चाहिए जिससे हमारा परिवर्तन हो ब्रम्हाकुमारी राखी दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा हमारे मन के पास अथाह शक्तियां हम उनका यूज नहीं कर पाते और हम अपने मन को अच्छी तरह से समझ भी नहीं पाते जिस कारण बिखराव महसूस होता है मन को शांतिमय और शक्तिशाली बनाने के लिए परमात्मा पिता से अपने तार जोड़ने होंगे और जिससे न सिर्फ हमारा जीवन बल्कि पूरा घर स्वर्ग बन सकता है , उन्होंने छोटे छोटे प्रयोग से मेडिटेशन कराया और इस आयोजन पर विशेष आमंत्रित विनीता भावनानी ने बताया की रिश्तो का टूटना हमारे संवेदनशील स्वभाव को सिद्ध करता है एवं बहुत ज्यादा अपेक्षाएं जो पूरी ना होने के कारण हमारे रिश्ते टूटते हैं
 उन्होंने सभी से निवेदन किया कि यदि आपकी बेटी का फोन आता है और उसके हेलो से ही समझ में आता है कि वह दुखी या परेशान है या आवेश में है उस समय कृपया उससे बात ना करें उस समय को टाल दें और उसे कहीं कि बहुत ज्यादा व्यस्तता होने के कारण आज मैं तुमसे बात नहीं कर सकती मैं तुमसे कल बात करूंगी जिससे हो सकता है वह स्वयं ही कई चीजों का निराकरण कर ले तुरंत फोन उठा लेना और उसके बाद रिएक्शन कर देना हमारे रिश्तो को कमजोर कर देता है उन्होंने बताया कि हर स्त्री के पास अनंत शक्तियां हैं जिस तरह से वह कुशल ग्रहणी है और अच्छी पत्नी अच्छी मां वैसे ही कुशल मार्गदर्शक भी बन सकती है इसलिए मां को गुरु की संज्ञा दी गई है अपने बच्चों के परिवारों को बचाने के लिए कृपया स्वयं पर काबू रखें आवेश में ना आएं और सही मार्ग दर्शक बनकर उसका जीवन बनाने में मदद करें ।
वह भक्ति भरे भजन गाए गए जिसे सुनकर भक्तजन भाव विभोर हो गए कार्यक्रम के अंत में सभी ब्रह्मकुमारी बहनों का सम्मान किया गया सत्कार किया गया एवं भगवान भी लाल जी की आरती की गई प्रसाद वितरण किया गया इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में पूज्य सिंधी पंचायत अकलतरा श्री झूलेलाल सेवा मंडल अकलतरा झूलेलाल महिला समिति के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा


श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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