हिंदू मेरा धर्म सिंधी मेरा जन्म ओर भगवान झूलेलाल मेरा कर्म,,, ओमी साईं
चंद्र दिवस एवं ओम साईं का जन्मोत्सव श्री झूलेलाल मंदिर झूलेलाल नगर चकरभाटा में हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर वसंणशाह दरबार उल्हासनगर से ओमी साईं जी विशेष रुप से पधारे जैसे ही उनका आगमन झूलेलाल नगर में हुआ भक्तों के द्वारा आतिशबाजी की गई फूलों की वर्षा की गई झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के द्वारा उनकी आरती उतारी गई पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम रात्रि 8:00 बजे प्रारंभ हुआ और समापन 11:00 बजे हुआ सत्संग की शुरुआत भगवान झूलेलाल ,बाबा गुरमुख दास जी के मूर्ति पर माल्यार्पण व बहराणा साहब की अखंड ज्योत प्रज्वलित करके की गई. इस अवसर पर ओमी साईं जी ने कहा आप बड़े भाग्यशाली हैं कि आज आपको एक साथ चार चार खुशियां मिली हैं व इस पवित्र स्थान में आज आप लोग बैठे हैं कई लोग तो यहां रहने के बाद भी पहुंच नहीं पाते हैं और कुछ लोग मुंबई से भी पहुंच जाते हैं आज का दिन बड़ा खुशियों भरा वाला दिन है पहला- सावन माह चल रहा है, दूसरा -चालिहा साहिब महोत्सव भी आरंभ है, तीसरा -आज चंद्र दिवस है, चौथा -आज लाल साई जी के छोटे सुपुत्र ओम साईं का जन्मोत्सव है.चार चार खुशियां एक साथ एक ही जगह आज आपको मिल रही है उन्होंने आगे फरमाया की हिंदू मेरा धर्म है सिंधी मेरा जन्म है और भगवान झूलेलाल मेरा कर्म है अर्थात मैं धर्म से हिंदू हूं और मुझे धर्म सिखाता है कि मैं अच्छे कार्य करूं सत्य की राह पर मैं चलूं सत्य कर्म करू ओर दीन दुखियों की सेवा करना पूजा पाठ करना अपने माता-पिता की सेवा करना अपने गुरु की सेवा करना गौ माता की सेवा करना जरूरतमंदों की सहायता करना अपने आराध्य देव की पूजा अर्चना करना यह धर्म हमें सिखाता है जन्म क्या है जिस कुल में जिस घर में हमारा जन्म हुआ वह है सिंधी समाज पर कर्म क्या है कर्म अब वह है जो आप करोगे अगर आप अच्छे कर्म करोगे तो आप को फल भी अच्छा मिलेगा और अगर आप बुरे कर्म करोगे तो फल भी वेसा मिलेगा जैसे रावण महान ज्ञानी था बलशाली था पंडित था पर उसने ऐसा कर्म किए जिसका पूरे राक्षस जाति का सर्वनाश हो गया।
क्योंकि उसके कर्म अच्छे नहीं थे .सुदामा बहुत गरीब था झोपड़ी में रहता था 15 दिन में एक बार खाने को मिलता था फिर भी हमेशा प्रभु की भक्ति में लगा रहता था कभी नहीं कहता था मैं दुखी हूं हमेशा कहता था प्रभु मैं खुश हूं ,मैं सुखी हूं और उसकी इसी भक्ति को इसी कर्म को देखकर भगवान श्री कृष्ण ने उसके पाव को धोया गले लगाया व उसका उद्धार किया उसकी झोपड़ी को महल बना दिया क्यों कि सुदामा ने कर्म अच्छे किए अब आपको तय करना है कि आपको कर्म कैसे करने हैं अगर आप भगवान को पाना चाहते हैं तो अच्छे कर्म करो हमेशा कहो सब अच्छा है भगवान की कृपा है मेहर है सब सुखी है अपने अंदर से भाव को जगाओ अगर आप का भाव सच्चा है तो शबरी के जूठे बेर भगवान राम ने जैसे खाए थे केवट की नाव में बैठकर जैसे नदी पार की थी अहिल्या को पत्थर से इंसान बनाया था वैसे ही भगवान झूलेलाल भी आप को दर्शन देंगे और आप का उद्धार करेंगे जरूरत है भाव की भगवान को आप के छप्पन भोग नहीं चाहिए और सुदामा जैसे कंकड़ वाले कच्चे चावल भी खा लेगा शबरी के जूठे बेर भी खा लेगा, द्रोपति के घर के जैसे अन्न का एक दाना भी खा लेगा पर भाव होना चाहिए आप बड़े भाग्यशाली हो कि आपका जन्म सिंधी कुल में हुआ है भगवान झूलेलाल विष्णु जी के अवतार हैं जल और ज्योत में हमेशा समाए हुए हैं जल और ज्योत की हमेशा पूजा करो सच्चे भाव से करो आप का उद्धार हो जाएगा।
जिस तरह डाकिया आपकी चिट्ठी आपके रिश्तेदार तक पहुंचाता है उसी तरह हम लोग भी आपके दुख तकलीफ को आपकी आवाज को हम भगवान तक पहुंचाते हैं अब भगवान देखता है कि आप कितने पुण्य किए हो और कितने पाप, उसी के अनुसार वह फल देता है हम इतना ही कह सकते हैं सबका भला करो सबका भला सोचो तो आपका भी भला होगा सब भला तो अंत भला अपनी मधुर अमृतवाणी से कई भक्ति भरे भजन गाए जिसे सुनकर भक्तजन झूम उठे।
रायपुर से आई एक छोटी सी बच्ची ने सिंधी भजनों पर शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी कार्यक्रम के आखिर में ओम साईं ने अपने पूज्य पिताजी पूज्य माता जी दादी जी ओर परिवार जन भक्तजनों के साथ केक काटा प्रभु को भोग लगाकर घरवालों के साथ साथ भक्तों को भी खिलाया बड़ों से आशीर्वाद लिया बाबा गुरमुखदास सेवा समिति के द्वारा ओम साईं जी का पुष्पहार, पखर पहना कर स्वागत व सम्मान किया गया ओमी साई जी ने भी संत लाल साई जी का सम्मान किया।
बिलासपुर से पूज्य सिंधी सेंटर महिला विंग की अध्यक्ष अपने सदस्यों के साथ स्वयं जी का ओम साईं का सम्मान किया सिंधु कल्चर एलाइंस फोरम के अध्यक्ष डॉ हेमंत कलवानी ने भी अपने सदस्यों के साथ लाल साई जी ओम साईं व ओमी साईं का सम्मान व स्वागत किया
अंत में आरती, पल्लो पाया गया प्रसाद वितरण किया गया व आम भंडारे का आयोजन किया गया जिसे बड़ी संख्या में भक्तजनों ने गृहण किया अपने शरीर और आत्मा को तृप्त किया इस आयोजन में शामिल होने के लिए भक्तजन बिलासपुर ,रायपुर, दुर्ग, भाटापारा, गोंदिया, नागपुर ,उल्हासनगर, रायगढ़, चापा ,मुंगेली, छिंदवाड़ा, बालाघाट ,कटनी, जबलपुर व अन्य कई शहरों से आए थे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया।
घर बैठे हजारों की संख्या में भक्त जनों ने कार्यक्रम का आनंद लिया इस आयोजन को सफल बनाने में बाबा गुरमुखदास सेवा समिति व श्री झूलेलाल महिला सखी सेवा ग्रुप के सभी सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
श्री विजय दुसेजा जी की खबर