CG में बीजेपी ने बदला चेहरा:छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए अरुण साव, विष्णुदेव साय पद से हटाए गए
छत्तीसगढ़ के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद पर बड़ा बदलाव हुआ है। अब प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष अरुण साव होंगे। इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आदेश जारी कर दिया है।
अरुण साव इस वक्त बिलासपुर से सांसद भी हैं। संगठन में यूं तो हमेशा प्रदेश के सभी बड़े नेता इस बदलाव को नकारते रहे, मगर अचानक आया आदेश अब कई चर्चाओं को जन्म दे रहा है। विष्णुदेव साय पार्टी के आदिवासी चेरहे के तौर पर प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा संभाल रहे थे। संयोग है कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन उन्हें पद से हटा दिया गया।
छत्तीसगढ़िया चेहरा
साव को जिम्मेदारी दिए जाने को लेकर माना जा रहा है कि कांग्रेस के हावी होते छत्तीसगढ़ियावाद का जवाब भाजपा लेकर आई है। सांसद साव साहू कम्यूनिटी से ताल्लुख रखते हैं। लंबे वक्त से प्रदेश में उन्हें बड़ा जिम्मा दिए जाने की चर्चा थी ही। तीन दिन पहले अचानक, अब तक प्रदेश अध्यक्ष रहे विष्णु देव साय को दिल्ली से बुलावा आया था, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि कुछ बड़ा हाेने वाला है। अब साव की अगुवाई में ही भाजपा 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
कौन हैं अरुण साव
अरुण साव का जन्म 25 नवंबर 1968 को मुंगेली के लोहड़िया गांव में जन्मे तथा कबीर वार्ड मुंगेली में रह कर पले बढ़े। बीकाम एसएनजी कालेज मुंगेली से और एलएलबी बिलासपुर से किया। 80 के दशक में मुंगेली के मंडल अध्यक्ष तथा 1977 से 2000 तक जरहागांव विधानसभा क्षेत्र के चुनाव संचालक रहे पिता अभयराम साव से घुटी में संघ और जनसंघ के संस्कार मिले। 1990 से 95 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मुंगेली तहसील इकाई के अध्यक्ष, जिला संयोजक से प्रांतीय सह मंत्री और राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य बने।
मुंगेली कॉलेज में कक्षा प्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों में साहू समाज युवा प्रकोष्ठ मुंगेली के तहसील सचिव, जिला अध्यक्ष फिर छत्तीसगढ़ प्रदेश साहू समाज के सह संयोजक बने। भाजपा की राजनीति में पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के साथ युवा मोर्चा से शुरुआत की। 1996 से 2005 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा में विभिन्न पदों पर रहे। 1998 में दशरंगपुर से जनपद पंचायत के सदस्य के पद के लिए भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। 1996 से मुंगेली, 2001 में उच्च न्यायालय बिलासपुर में वकालत किया। 2004 में छत्तीसगढ़ शासन के पैनल लॉयर, 2005 से 2007 तक उप शासकीय अधिवक्ता, 2008 से 2013 तक शासकीय अधिवक्ता और 2013 से 2018 तक उप महाधिवक्ता छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पद पर कार्यरत रहे। अब सांसद हैं और पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा भी सौंपा है।