भद्रा पाताल लोक में, 11 को राखी बांधना शुभ:अफवाहों पर ध्यान न दें - पंडितों का कहना इस बार भद्रा काल का साया पृथ्वी पर नहीं पड़ेगा, मंगलवार को भी खुली रहीं दुकानें
भद्रा की वजह से रक्षाबंधन पर्व 11 को मनाएं या 12 अगस्त को, इसको लेकर वर्तमान में अधिकांश लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है। अमूमन हर साल किसी न किसी त्योहार के दिन या पूजा मुहूर्त को लेकर संशय की स्थिति बनती है। बहनें जानना चाह रही है कि किस दिन भाई को राखी बांधना शुभ रहेगा। अधिकांश पंडितों का कहना है कि उदया तिथि, सावन पूर्णिमा तिथि, भद्रा पाताल लोक में होने की वजह से रक्षाबंधन पर्व 11 अगस्त को मनाना शुभ रहेगा।
शास्त्रों, पंचांग के अनुसार भद्रा का पाताल लोक (नागलोक) में वास शुभ फलदायी होता है। इसलिए लोग किसी भी अफवाह और आधी अधूरी जानकारी से भ्रमित ना होंं। पं. मिथलेश शर्मा अर्जुन्दा ने बताया कि देव पंचांग के हिसाब से 11 को ही रक्षाबंधन पर्व मनाना सही है। कोई 11 को तो कोई 12 अगस्त को शुभ बता रहे हैं। उदया तिथि के हिसाब से 11 अगस्त ही अनुकूल है। वैसे भी प्रदोष काल में शुभ काम किया जा सकता है।
चंद्रमा मकर राशि में होने पर भद्रा का असर नहीं
पं. नारायण प्रसाद बालोद, पं. मिथलेश शर्मा अर्जुन्दा ने बताया कि 11 अगस्त पूर्णिमा को चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। चंद्रमा के मकर राशि में होने से भद्रा का वास इस दिन पाताल लोक में रहेगा। पाताल लोक में भद्रा के रहने से 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाएं, इसी दिन राखी बांधना शुभ रहेगा। जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होता है तब भद्रा का वास पृथ्वी पर होता है। रक्षाबंधन पर्व एक दिन बाद है इसलिए राखी, फल संबंधित अधिकतर दुकानें मंगलवार को भी खुली रही।
इस बार कर्क, सिंह, कुंभ मीन राशि में चंद्रमा नहीं
पंडितों के अनुसार चंद्रमा जब मेष, वृष, मिथुन या वृश्चिक में रहता है तब भद्रा का वास स्वर्गलोक में रहता है। तब भद्रा बाधा बनती है। लेकिन कन्या, तुला, धनु या मकर राशि में चंद्रमा के स्थित होने पर भद्रा पाताल लोक में होती है। जिस लोक में भद्रा रहती है, वहां ही प्रभाव पड़ता है। जब चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ या मीन राशि में होगा तभी वह पृथ्वी पर असर करेगी, जहां हम सब निवासरत है। लेकिन इस बार स्थिति अलग है। इसलिए 11 अगस्त को किसी भी समय पर राखी बांधी जा सकती हैं।