कमरछठ में लूट:प्रतिलीटर 200 रुपए तक बिका दूध, पशुपालकों के घरों में दूध खरीदने लोगों को लाइन लगानी पड़ी
कमरछठ पर्व पर व्रत रखने वाली महिलाओं व उनके परिवार के सदस्यों को भैंस के दूध के लिए बुधवार को सुबह 4 बजे से दोपहर तक भटकना पड़ा। दूध खरीदने पशुपालकों के घरों में लोगों को लाइन लगाने की नौबत आई। काफी मशक्कत के बाद दूध मिल पाया, वह भी 4 से 5 गुना महंगे दाम पर, 40 से 50 रुपए प्रति लीटर बिकने वाला दूध 160 से 200 रुपए में बिका। पशुपालकों ने लोगों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठाकर ज्यादा दाम में दूध बेचे। इस पर लगाम लगाने प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा।
वहीं ऐसे पशुपालक जो रोजाना भैंस का दूध घरों में या गंगा दूध में बेचने ले जाते थे, वे भी नहीं पहुंचे। यूं कहे कि कमरछठ पर्व में दूध का दाम बढ़ाकर पशुपालकों ने लोगों की मजबूरी का फायदा उठाया, लूट की स्थिति रही। दूध देने भी आज दूध वाले नहीं पहुंचे, जिससे कई स्थानों पर विवाद की स्थिति भी बनी।
दूध गंगा के सुपरवाइजर योगेश साहू ने बताया कि रोजाना सुबह लगभग 480 से लेकर 500 लीटर दूध की आवक हो रही थी। लेकिन बुधवार को 320 लीटर दूध की आवक हुई। कमरछठ पर्व व कई कारणों से यह स्थिति बनी।
संतान की लंबी आयु और सुख, शांति की कामना
शहर के आमापारा रंगमंच परिसर में व्रतधारी महिलाओं ने सगरी की पूजा व परिक्रमा कर संतान की लंबी आयु व उसकी सुख-समृद्धि की कामना की। भगवान शिव शंकर व माता पार्वती की पूजा कर आशीर्वाद मांगा। लाई, पसहर, महुआ, दूध-दही आदि का भोग लगाकर सगरी की पूजा की गई। मोहल्लों और मंदिरों में मां हलषष्ठी की कथा पढ़ी गई।