राजहरा खदान:सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं श्रमिकों को गंवानी पड़ रही जान
भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि मंडल ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी के नेतृत्व में केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव से उनके निवास दिल्ली में भेंट की। उन्हें बस्तर आने का न्यौता दिया। जिस पर श्रम मंत्री ने जल्द ही आने की बात कही। सांसद मोहन मंडावी ने उन्हें राजहरा खदान में प्रबंधन द्वारा असुरक्षित तरीके से कर्मचारियों और ठेका श्रमिकों की जान दांव पर लगा कर कार्य कराने वालों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन प्रोडक्शन में सुरक्षा के सभी मापदंडों का पालन करना भूल गए हैं।
पूरे खदान में कर्मचारियों और ठेका श्रमिक दबाव में कार्य करने को मजबूर हैं। खदानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी चीफ इंस्पेक्टर आंफ मांइस डीजीएमएस धनबाद को दिया गया है, लेकिन वो अपना कार्य ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। उसी का परिणाम है कि आए दिन कार्य स्थल पर दुर्घटना में बढ़ोतरी हो रही है। अभी कुछ दिनों से झरनदल्ली खदान में ब्लास्टिंग के संबंध में लापरवाही बरती गई है। झरनदल्ली खदान प्रबंधन ब्लास्टिंग के लिए तय मापदंडों का पालन नहीं कर रहा हैं।
ईमानदारी से काम नहीं कर रहे सुरक्षा अधिकारी
संघ का मानना है कि संभवतः झरनदल्ली खदान के कुछ अधिकारी एक्सप्लोसिव के मिस हैंडलिंग और दुरुपयोग में भी लगे हो सकतें हैं। पूर्व में राजहरा खदान समूह के एक कर्मी के घर से डेटोनेटर और ब्लास्टिंग की सामग्री बरामद की थी और एक बार बारूद की लूट भी हो चुकी है। झरनदल्ली खदान प्रबंधन एक्सप्लोसिव के इस्तेमाल की भी सही जानकारी नहीं रखता है। डीएमएस बिलासपुर द्वारा कर्मचारियों की शिकायत को नजरंदाज किया गया उससे स्पष्ट होता है कि कर्मचारियों की सुरक्षा को निश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए गए अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं।
प्रबंधन ने इस मामले को दबाने का किया प्रयास
जिला मंत्री ने बताया कि झरनदल्ली खदान प्रबंधन केंद्र सरकार के अधिनियम की अनदेखा कर रहा है। 2020 में झरनदल्ली खदान में ब्लास्टिंग हुआ और उसके बाद ड्रिलिंग करते समय ड्रिलिंग विभाग के कर्मियो को होल से जिंदा कार्टिज और डेटोनेटर मिला। जो असुरक्षित कार्यशैली को दर्शाता है। 24 जुलाई 2022 को पुनः इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति हुई और कर्मचारियों की जान बाल-बाल बची। झरनदल्ली माइंस मैनेजर और झरनदल्ली महाप्रबंधक दोनों ने मामले को दबाने का प्रयास किया। आरटीआई से जानकारी मांगने पर झरनदल्ली खदान प्रबंधन ने उस तारीख को किसी तरह की मिसफायर का न होना बताया।
श्रमिक अतिराम की मौत के मामले की जांच हो
जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि 22 मई 2020 को दल्ली यंत्रीकृत खदान में घटे फेटल दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले आदिवासी श्रमिक स्वर्गीय अतिराम के परिवार और बीएमएस के सदस्य होने के नाते बीएमएस को आज तक न्याय नहीं मिला है। भारतीय मजदूर संघ का एक प्रतिनिधि मंडल धनबाद जाकर प्रभात कुमार चीफ इंस्पेक्टर आंफ मांइस डीजीएमएस को इसकी निष्पक्ष जांच करवाने 25 सितंबर 2020 को ज्ञापन दिया था। मगर उसके बाद भी किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
संघ के प्रतिनिधिमंडल ने श्रम मंत्री को स्व. अतिराम के मामले में कोर्ट आॅफ इंक्वायरी और झरनदल्ली खदान के मामले में सेक्शन 12 कमेटी या स्वतंत्र न्यायिक एजेंसी से सूक्ष्म जांच करवाने की मांग की। मंत्री ने खदान में सुरक्षा के मापदंडों का कड़ाई से पालन कराने जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित करने की बात कही। इस दौरान भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधि मंडल में राजहरा शाखा के अध्यक्ष किशोर कुमार मायती, कृष्णा कुमार सिंह साथ थे।