विभाजन विभीषिका की‌ वीभत्स त्रासदी झेलने के बावजूद - समाज सेवा में अग्रणी है सिंधी समाज ,,, सतराम जेठमलानी

विभाजन विभीषिका की‌ वीभत्स त्रासदी झेलने के बावजूद - समाज सेवा में अग्रणी है सिंधी समाज ,,, सतराम जेठमलानी

विभाजन विभीषिका की‌ वीभत्स त्रासदी झेलने के बावजूद - समाज सेवा में अग्रणी है सिंधी समाज ,,, सतराम जेठमलानी

विभाजन विभीषिका की‌ वीभत्स त्रासदी झेलने के बावजूद - समाज सेवा में अग्रणी है सिंधी समाज ,,, सतराम जेठमलानी 

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में विभाजन की विभीषिका पर आयोजित संगोष्ठी में सिंघ से विस्थापित परिवार के वंशज व एक नई पहल के संस्थापक सतराम जेठमलानी को शाल श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया -

इस सम्मान के लिए विश्व विद्यालय के गुरुजनों अभय रणदिवे व नीलकंठ पाणिग्रही तथा संस्था के साथी ऑक्सिजन मेन राजेश खरे के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सतराम जेठमलानी ने अपनी 95 वर्षीय बुजुर्ग माताश्री के अनुभव व अपने परिवार की आपबीती बयां करते हुए कहा कि इतनी विषम परिस्थिति व अविस्मरणीय त्रासदी के बाद भी सिंधी समाज विश्व कल्याण सुख समृद्धि व सब धर्मों के प्रति सद्भाव की कामना के साथ जनहित के कार्यों में सदा सर्वदा अग्रणी रहता है - संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कुल गुरु कुलपति आलोक चक्रवाल महोदय ने कहा कि खता लम्हो ने की सजा सदियों ने पाई - मानवता और मानव का मानव के प्रति समर्पण ही मनुष्य का सबसे बडा धर्म है - कार्यक्रम पश्चात 2 मिनट का मौन रख विभाजन में बिछड़े परिवारों और परिजनो के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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