हंकार बड़ा खतरनाक होता है,,,बलराम भैया
श्री झूलेलाल चालिहा उसत्व के अंतर्गत "सत्संग भक्ति कीर्तन" का आयोजन हुआ। जिसमें बाबा आनंद राम दरबार चकरभाटा से एकादशी वाले बलराम भैया जी
के द्वारा सत्संग की अमृत वर्षा की गई सत्संग संध्या 6:00 बजे आरंभ हुआ रात्रि 8:00 बजे समापन हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान झूलेलाल जी की मूर्ति पर फूल माला पहनाकर दीप प्रज्वलित करके की गई
सत्संग में बलराम भैया ने कहा कि,,,, पानी में नाव चले तो ठीक है लेकिन नाव में ही पानी आ जाए तो बड़ा खतरा है, उसी तरह हम संसार में रहें तो ठीक है लेकिन संसार हमारे अंदर चला आए तो बड़ा खतरा है, अर्थात अहंकार बड़ा ही खतरनाक विकार है कोई खुद जबान से अहंकार करता है,
कोई अपनी तारीफ दूसरों से सुनना चाहता है, कोई भीतर ही भीतर सोचता है कि मैं कितना अच्छा हूं अभिमान नहीं करता। इस तरह सूक्ष्म अहंकार हमें जकड़े रहता है जो केवल भगवान के शरणागति से दूर होता है। कई लोग तो अपने अहंकार को पहचान भी नहीं पाते। गीता रूपी चश्मा लगाकर ही अपने अहंकार को देखकर उससे बच सकते हैं इस तरह भगवान की कथा, क्लासिक सिंधी भजन और श्री राधा कृष्ण का कीर्तन, श्री झूलेलाल जी के मधुर भजन गाए गए।
तत्पश्चात सर्व साध संगत ने प्रभु का प्रसाद भोजन स्वीकार किया। श्री झूलेलाल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष श्री जगदीश हरदवानी और सभी सदस्यों ने श्रद्धा प्रेम के साथ यह आयोजन सफल बनाया । सत्संग कीर्तन में गोविंद ने सतगुरु का भजन सुनाया, आजाद ने ढोलक वादन से सब को आनंदित कर दिया और प्रकाश में बड़े मधुर स्वर लगाए। समापन में सबकी पल्लव के द्वारा अरदास की गई।
श्री विजय दूसेजा जी की खबर