इस बार जन्मजयंती योग, पूजन से मिलेगी तीन जन्मों के पापों की मुक्ति; मठ-मंदिरों में आज से उत्सव

इस बार जन्मजयंती योग, पूजन से मिलेगी तीन जन्मों के पापों की मुक्ति; मठ-मंदिरों में आज से उत्सव

इस बार जन्मजयंती योग, पूजन से मिलेगी तीन जन्मों के पापों की मुक्ति; मठ-मंदिरों में आज से उत्सव

इस बार जन्मजयंती योग, पूजन से मिलेगी तीन जन्मों के पापों की मुक्ति; मठ-मंदिरों में आज से उत्सव

छत्तीसगढ़ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत और जन्मोत्सव शुक्रवार 19 अगस्त को मनाने की तैयारी है। मठों-मंदिरों में तीन दिनी महोत्सव की शुरुआत गुरुवार से ही हो रही है। श्रद्धालुओं के लिए इस बार की तिथि अधिक महत्वपूर्ण है। इस बार शुक्रवार को अष्टमी है के साथ रोहिणी नक्षत्र का योग भी बन रहा है। इसे जन्म जयंती योग कहा जा रहा है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी भादो कृष्ण पक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में ही हुआ था।

शंकराचार्य आश्रम के प्रमुख डॉ. इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि गुरुवार को सप्तमी है। यह रात को 12.04 बजे खत्म होगी। उसके बाद 19 अगस्त शुक्रवार को अष्टमी तिथि शुरू हो रही है जो की 20 अगस्त की रात 1.06 बजे तक रहेगी। यह तिथि कर्मकाल व्यापिनी होने के कारण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत 19 अगस्त को ही होगा। इस तिथि को स्मार्त और वैष्णव लोग, उत्सव वाले लोग और रोहिणी उपासक सभी मना सकते हैं।

डॉ. इंदुभवानंद का कहना है, इस वर्ष विशेष संयोग यह है कि इस बार अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र भी साथ में होने के कारण जन्मजयंती योग बन रहा है। पुराणों के मुताबिक रोहिणी युक्त अष्टमी तिथि की रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करने से व्यक्ति तीन जन्म के पापों से मुक्त हो जाता है। रायपुर के प्रमुख मठो-मंदिरों में उत्सव की तैयारी आज से ही शुरू हो चुकी है।






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