कैल्शियम की कमी होने पर करें इस दाल का सेवन, दूध से 6 गुणा पौष्टिक होता है इसका छिलका

कैल्शियम की कमी होने पर करें इस दाल का सेवन, दूध से 6 गुणा पौष्टिक होता है इसका छिलका

कैल्शियम की कमी होने पर करें इस दाल का सेवन, दूध से 6 गुणा पौष्टिक होता है इसका छिलका

कैल्शियम की कमी होने पर करें इस दाल का सेवन, दूध से 6 गुणा पौष्टिक होता है इसका छिलका 

दाल को भारतीय खाने में बहुत अहमियत दी गई है। वैसे छिलके वाली दाल को दूसरी दालों से ज्यादा सेहतमंद माना गया है। एक दाल के छिलके में दूध से भी ज्यादा प्रोटीन की मात्रा दर्ज की गई है। जानें इस दाल के बारे में।

एक स्वस्थ शरीर के निर्माण के लिए कैल्शियम, प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन आदि जैसे सभी पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा में आवश्यकता होती है। इनमें से किसी एक की भी कमी हो जाए तो बॉडी सही ढंग से काम करने में असमर्थ हो जाती है। इसी तरह कैल्शियम की कमी (calcium deficiency in hindi) के कई मरीज सामने आते हैं, जिनमें हड्डियों, मांसपेशियों के दर्द, दांतों की कमजोरी, आर्थराइटिस, सिरदर्द, डिप्रेशन जैसी समस्याएं रिकॉर्ड की जाती हैं। इन गंभीर बीमारियों से बचाव सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि कैल्शियम युक्त पदार्थों (calcium rich diet) का सेवन अच्छी मात्रा में किया जाए। खासतौर पर महिलाओं और बच्चों के लिए ये अत्यधिक आवश्यक है।

 
शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति पूरी करने के लिए दूध, दही, सोयाबीन, हरी सब्जियां आदि बेहतरीन विकल्प (calcium rich food) माने जाते हैं। अक्सर कहा जाता है कि दूध कैल्शियम का सबसे अच्छा स्त्रोत है, लेकिन इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी-एरिड-ट्रॉपिक्स (ICRISAT) द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन में एक नई जानकारी सामने आई है।

दूध से ज्यादा कैल्शियम किस चीज में होता है

दूध में एक बड़ी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है, इस बात में कोई दो राय नहीं है। 100 मिलीलीटर दूध में आपको करीब 120 मिलीग्राम कैल्शियम मिलता है। हालांकि जानवरों के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाली अरहर की दाल (arhar ki dal) के छिलके में कैल्शियम की यही मात्रा लगभग 652 मिलीग्राम तक की हो जाती है। यानी की 6 गुना की इस बढ़त के साथ तुअर या अरहर की दाल के इन छिलकों का सेवन, आपको कमजोर हड्डियों, कमजोर दांत, ऑस्टियोपोरोसिस, रिकेट्स जैसी समस्याओं के छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। 

नई दवाओं और सप्लिमेंट्स के निर्माण में फायदा

इस नए अध्ययन के परिणामों से कई तरह की गंभीर बीमारियों के समाधान के रूप में नई दवाओं का निर्माण किया जा सकता है। खासतौर से छोटे बच्चों के लिए, आपने भी इस बात पर जरूर गौर किया होगा कि छोटे बच्चों को अक्सर प्रोटीन युक्त दाल के पानी का सेवन करवाया जाता है। ताकि उनकी हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहें। इसी प्रकार से जब बच्चों की दवाओं और अन्य सप्लीमेंट्स में इन पोषक छिलकों का उपयोग होगा, तो और अधिक मात्रा में फायदा मिलेगा।

कई बीमारियों का तोड़ है दाल का छिलका

दाल के छिलकों को हम अक्सर कचरा समझकर फेंक देते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि सारे पोषण इसके अंदर ही हैं। लेकिन यह गलत है, जबकि यही कचरा जिसे हम फैंक देते हैं या जानवरों को खिला देते हैं। शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है, मानव शरीर को एक दिन में 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की जरूरत होती है। जो आमतौर पर हम पूरी नहीं कर पाते हैं, और इसी कमी के कारण कमजोरी, थकान, मांसपेशियों में अकड़न, याददाश्त चले जाना, हाथों और पैरों का सुन्न होना, झुनझुनी आना, दांतों से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।






 


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