छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली में होगी पढ़ाई; स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल में संस्कृत और कंप्यूटर अनिवार्य
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस पर छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों को प्रभावित करने वाले तीन बड़े फैसले किए हैं। राज्य में छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में अब सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी और आदिवासी बोली की शिक्षा दी जाएगी। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भी संस्कृत की पढ़ाई होगी। वहीं कम्प्यूटर शिक्षा भी अनिवार्य होगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है, छत्तीसगढ़ी सहित दूसरी आदिवासी बोली-भाषा को महत्व देने के लिए सप्ताह में एक दिन सभी स्कूलों में इसकी पढ़ाई होगी। इसके लिए शैक्षणिक सामग्री भी तैयार की जा रही है। बस्तर और सरगुजा क्षेत्रों में वहां की स्थानीय आदिवासी बोलियों के अनुसार और शेष क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी भाषा में पाठ्य सामग्री तैयार की जा रही है। सप्ताह में एक दिन छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई से स्थानीय भाषा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों में पढ़ाई के प्रति लगाव उत्पन्न होगा।
मुख्यमंत्री देश की संस्कृति एवं परंपरा को बढ़ावा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में संस्कृत विषय की भी पढ़ाई कराने की बात कही है। वहीं स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा को भी मुख्यमंत्री ने अनिवार्य करने की बात कही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा, शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बालक का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करे। इसी को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवाचार को अपना रही है।