शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्र भाषा हिन्दी पर केन्द्रित कार्यक्रम हुआ

शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्र भाषा हिन्दी पर केन्द्रित कार्यक्रम हुआ

शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्र भाषा हिन्दी पर केन्द्रित कार्यक्रम हुआ

शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्र भाषा हिन्दी पर केन्द्रित कार्यक्रम हुआ 

शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद में हिन्दी दिवस के सुअवसर पर राष्ट्र भाषा हिन्दी पर केन्द्रित कार्यक्रम हिंदी विभागाध्यक्ष जसराम नायक के संयोजन में सम्पन्न हुआ । डॉ. श्रीमती श्रद्धा चंद्राकर प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बालोद के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अंचल के सुप्रसिद्ध लेखक वरिष्ठ साहित्यकार अशोक आकाश की उपस्थिति रही । अध्यक्षता जसराम नायक विभागाध्यक्ष हिंदी ने की। समाजशास्त्र विभागाध्यक्ष जे.के.खलको, गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.श्रीमती दीपाली राव, धीवराज भोयर कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे । कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया महाविद्यालयीन छात्राओं ने सुमधुर सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया ।



 अतिथि स्वागत पश्चात हिंदी विभागाध्यक्ष द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी पर कार्यक्रम की जानकारी के साथ विस्तृत रूपरेखा रखी गई । मुख्य अतिथि डॉ.श्रीमती श्रद्धा चन्द्राकर नें छात्र छात्राओं को संबोधित करते कहा कि हिन्दी हमारे आत्मसम्मान की भाषा है, हिन्दूस्तान के अधिसंख्य राज्यों में बोली जाने वाली भाषा के बावजूद इसे अस्तित्व संघर्ष करना पड़ रहा है दुखद है, हमें हिन्दी भाषा को परिपुष्ट करने हिंदी साहित्य की ओर अग्रसर होना होगा, हिन्दुस्तान को विकसित राष्ट्र बनाने हिन्दी को साथ लेकर चलना बहुत जरूरी है, हिन्दी के बहुतायत प्रयोग से हम स्वर्णिम भविष्य गढ़ सकते हैं। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि की आसंदी से संबोधित करते छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के जिला समन्वयक वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डॉ अशोक आकाश ने कहा_"हिंदी सर्वोपरि सर्वमान्य भाषा है फिर भी इसकी वर्तमान स्थिति चिंता का विषय है, हिन्दी हमारे दिल से निकलने वाली भाषा है, यह हमारी अपनी मॉ की तरह सम्मान का हकदार है हमे अपनी हिन्दी भाषा पर गर्व है, उन्होंने राष्ट्रभाषा हिंदी पर कविता के साथ हास्य व्यंग की फुलझड़ियों से हिन्दी कविता की मनोहारी हास्य काव्य यात्रा कराकर सकारात्मक संदेश दिया, उन्होंने गीत 
"आओ शपथ उठायें साथी, बस हिन्दी ही बोलेंगे। 
राष्ट्र धर्म निभायें साथी, बस हिन्दी ही बोलेंगे। 
गीत की संयुक्त लयात्मक प्रस्तुति से कार्यक्रम को ऊँचाई प्रदान किया। समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष जेआर खलखो ने हिंदी भाषा को भारत माता की सम्मान की भाषा बताते कहा कि भारत विविधता से परिपूर्ण राष्ट्र है,जब सभी राज्य राष्ट्र भाषा के रूप में हिन्दी को स्वीकार करेंगे, तभी हम विकास पथ में अग्रसर हो सकते हैं,इसके लिये हमें सबके सहयोग की आवश्यकता है। गृहविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.श्रीमती दीपाली राव ने हिन्दी भाषा की सहजता पर केन्द्रित वक्तव्य देते हिन्दी भाषा की विशिष्टता पर विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हिन्दी विभागाध्यक्ष जे.आर. नायक ने हिन्दी भाषा की बोधगम्यता सरलता और राष्ट्रीय एकता में हिन्दी के योगदान पर सुन्दर विचार व्यक्त किया।
 हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.अशोक आकाश को महाविद्यालय परिवार द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र चक्रधारी ने किया। लोकेश्वरी ने हिन्दी की महत्ता प्रतिपादित करती कविता, विद्या राजपूत जितेश्वरी साहू एवं टीनू सुनहरे ने हिन्दी पर विचार व्यक्त कर जन जन की भाषा के रूप में हिन्दी के अधिकाधिक प्रयोग करने की अपील की। अतिथि प्राध्यापक सुश्री गायत्री साहू के आभार प्रदर्शन से कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

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