छत्तीसगढ़ के संत पाटेश्वर धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन श्री राज योगी बाबा जी का पिंडदान बद्रीनाथ में संपन्न,,,

छत्तीसगढ़ के संत पाटेश्वर धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन श्री राज योगी बाबा जी का पिंडदान बद्रीनाथ में संपन्न,,,

छत्तीसगढ़ के संत पाटेश्वर धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन श्री राज योगी बाबा जी का पिंडदान बद्रीनाथ में संपन्न,,,

छत्तीसगढ़ के संत पाटेश्वर धाम के संस्थापक ब्रह्मलीन श्री राज योगी बाबा जी का पिंडदान बद्रीनाथ में संपन्न

भारत के सप्त पूरीयों में और चारों धाम में आस्था के प्रतीक पवित्र धाम उत्तराखंड के श्री बदरीनाथ धाम में समुद्र तल से 16000 से भी ऊपर ऊंचाई पर स्थित शिवालिक पहाड़ियों पर ब्रह्म शीला स्थान पर ब्रह्म कपाल कार्यक्रम आज संपन्न हुआ छत्तीसगढ़ के संत श्री राम बालक दास जी ने अपने ब्रह्मलीन गुरुदेव लाखों लोगों के आराध्य श्री राज योगी बाबा जी का पूर्ण विधि-विधान से पिंडदान एवं कपाल क्रिया संपन्न किया इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के विभिन्न समाज के 50 प्रतिनिधि भक्त उपस्थित रहे बद्रीनाथ धाम में छत्तीसगढ़ राज्य के पंडा कन्हैया जी ने पूर्ण विधि-विधान से पहले ब्रह्म शीला पर श्री राज योगी बाबा जी के नाम से पिंडदान संपन्न करवाया 
ब्रह्म शीला वही स्थान है जहां आज भी भगवान ब्रह्मा के कपाल की स्थापना मानी जाती है कथा के अनुसार भगवान शिव ने पांच मुखी ब्रह्मा के 1 शीश को काट दिया था तभी से ब्रह्मा चार मुख वाले हुए ब्रह्मा का कटा हुआ सिर भगवान शिव के हाथ से चिपका हुआ था इस ब्रम्हहत्या से मुक्ति पाने भगवान शिव बद्रीनाथ आए उन्होंने इसी स्थान पर अपने पांचों उंगली जमीन पर रखें और ब्रह्मा का मस्तक उनके हाथों से छूट गया भगवान शिव की पांच उंगलियां पांच विशाल शालिग्राम शिला के रूप में यहां पर आज भी कई युगों से स्थापित है और यही पर धरती के अंदर ब्रह्म कपाल है इसीलिए पूरे भारत में सभी तीर्थों में पितरों को पिंड दान देने के पश्चात अंतिम में ब्रह्म शिला पर पिंड दान करके उन्हें मोक्ष दिया जाता है
इसके पश्चात और कहीं पिंडदान नहीं किया जाता छत्तीसगढ़ के पंडा कन्हैया जी ने बताया कि यह उनका सौभाग्य है इतने बड़े संत श्री राज योगी बाबा के पावन पिंडदान और तर्पण करने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ और पाटेश्वर धाम के वर्तमान महंत श्री राम बालक दास महत्यागी को उन्होंने धर्म संस्कृति के मार्ग में आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया और समस्त छत्तीसगढ़ वासियों के लिए मंगल कामना करते हुए बद्रीनाथ जी का प्रसाद सभी यात्रियों को प्रदान किया पिंड दान एवं तर्पण के पहले संत श्री राम बालक दास जी ने यात्रियों के दल के साथ बद्रीनाथ में स्थापित गर्म पानी का कुंड तपत कुंड में स्नान किया पूजन किया तत्पश्चात श्री बद्रीनाथ भगवान का तुलसी पूजन भी संपन्न हुआ कल 18 सितंबर को यात्रा हरिद्वार वापस होने के लिए प्रस्थान होगी कहते हैं कि भगवान बद्रीनाथ धाम की यात्रा करने वाले यदि शुभ कर्म करें तो उन्हें मृत्यु के पश्चात मोक्ष प्राप्त होता है वह भगवान के पार्षद बनकर बैकुंठ वास करते हैं संत श्री राम बालक दास जी ने कहा कि हमारा कर्म हीं हमारे जीवन की दिशा को निर्धारित करता है
 इसलिए आइए इस देवभूमि उत्तराखंड से हम सभी यात्री संकल्प लें कि सदा शुभ कर्म ही करेंगे अशुभ कर्म कभी नहीं करेंगे और सत्य धर्म का पालन करते हुए जीवन व्यतीत करेंगे और अधर्म कार्यों का डटकर मुकाबला भी करेंगे अपने ऑनलाइन सत्संग का संत श्री ने आज बद्रीनाथ धाम से सुबह 10:00 से 11:00 बजे प्रसारण किया और हजारों लोगों ने घर बैठे इस कार्यक्रम का आनंद लिया प्रतिदिन शाम 5:00 बजे पाटेश्वर धाम के युटुब चैनल  Ram balak das पर भी बद्रीनाथ धाम यात्रा के पल पल का दृश्य दिखाया जा रहा है और संत श्री का संदेश सुनाया जा रहा है आप सभी संध्या 5:00 बजे 
Rambalakdas चैनल पर कार्यक्रम देख सकते हैं

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