आंगनबाड़ी कर्मियों के अधिवेशन में निर्णायक संघर्ष करने का एलान

आंगनबाड़ी कर्मियों के अधिवेशन में निर्णायक संघर्ष करने का एलान

आंगनबाड़ी कर्मियों के अधिवेशन में निर्णायक संघर्ष करने का एलान

आंगनबाड़ी कर्मियों के अधिवेशन में निर्णायक संघर्ष करने का एलान

दल्लीराजहरा- अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ नई दिल्ली व भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ छत्तीसगढ़ का एक दिवसीय त्रैवार्षिक प्रादेशिक अधिवेशन बैकुंठपुर में संपन्न हुआ, जिसमें प्रदेशभर के सभी संभागो से आई प्रमुख प्रतिनिधि बहनों ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुये कहा कि चुनाव पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम देने के संकल्प की घोषणा करने वाली वर्तमान राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से किये गये इस वायदे को भुल गई है, जिससे अब आंगनबाड़ी कर्मचारियों के समक्ष निर्णायक आंदोलन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा। अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में सरकार को चेतावनी देते हुए कहा गया कि न्यूनतम देने के वायदे को तत्काल पूरा करे अन्यथा प्रदेशभर में जंगी आंदोलन छेड़ दिया जायेगा।
अधिवेशन की कार्यवाही का ब्यौरा प्रेस को जारी करते हुये भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने बताया कि अधिवेशन का उद्घाटन भामसं की प्रदेश अध्यक्षा शोभा सिंहदेव ने किया और कहा कि प्रदेश में आंगनबाड़ी बहनों का व्यापक पैमाने पर शोषण हो रहा है, समय पर न तो वेतन का भुगतान हो पा रहा है और न ही अन्य जरूरी मदो की राशि ही दी जाती है। ऊपर से कार्य का इतना बोझ सरकार ने डाल रखा है कि बहनों की स्थिति दिन-प्रतिदिन दिहाड़ी मजदूरों से भी बद्तर हो गई है। अधिवेशन में संगठन सत्र व आंदोलन सत्र में व्यापक विचार-विमर्श होकर जहाॅ संगठन विस्तार की योजना बनी वही आंदोलन की रणनीति को भी अंतिम रूप दिया गया।
अधिवेशन के समापन सत्र में छत्तीसगढ़ उद्योग प्रभारी और मजदूर नेता राधेश्याम जायसवाल ने आंगनबाड़ी बहनोें के आंदोलनो का जिक्र करते हुए कहा कि बहने सत्त संघर्ष करते हुये अभी इस मुकाम पर पहुंची है, किन्तु अभी भी लंबे संघर्ष की आवश्यकता है ताकि उन्हे सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलने सहित अन्य मांगे पूरी हो सके और इसके लिये अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी महासंघ का नेतृत्व ही सबसे सफल है क्योंकि इस संगठन का कार्य देशभर के सभी राज्यों में है। उन्होने छत्तीसगढ़ प्रदेश में कथिपय छूटभैये संगठनो की चर्चा करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य केवल बहनों के मध्य चंदा एकत्रित कर उसे डकारने का काम रह गया है।
अधिवेशन में चुनाव सत्र भी हुआ, जिसमें आगामी तीन वर्षो के लिये नई कार्यसमिति का गठन किया गया, जिसमें भिलाई की गुरमीत कौर को प्रदेश अध्यक्ष सूरजपुर की सुमनमती केराम को कार्याकारी अध्यक्ष तथा कोरिया जिले की संतोषी राजवाड़े को प्रदेश महामंत्री का दायित्व दिया गया। अधिवेशन में चुने गये अन्य पदाधिकारियों में उपाध्यक्ष सोनिया मरावी कबीरधाम, फुलेश्वरी साहू बालोद, मीना सोनी कोरबा, रेणु गुप्ता कुसमी बलरामपुर, का नाम शामिल है। इसी तरह संयुक्त महामंत्री का दायित्व अंजली पटेल कोरबा को दिया गया जबकि मंत्री पद पर श्रीमती टेकेश्वरी कुंवर रायगढ़, माधुरी एच बालोद, रमा सिंह बैकुंठपुर, धनमेत सिंह कुशराम सूरजपुर तथा कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी चंदा राजवाड़े तथा कार्यालय मंत्री बबीता साहू दुर्ग को बनाया गया। इसी प्रकार कार्यसमिति में फुलासो एक्का, श्यामा यादव, मिथलेश विश्वकर्मा, हेमीन भगत, करमखलको, चित्ररेखा गणवीर, रामकली मरकाम तथा श्रीमती हेमलता कंवर का निर्वाचन संपन्न हुआ। भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी और उज्जवल भविष्य की कामना की।

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