बीएसपी अस्पताल में हड्‌डी, स्त्री शिशु, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी

बीएसपी अस्पताल में हड्‌डी, स्त्री शिशु, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी

बीएसपी अस्पताल में हड्‌डी, स्त्री शिशु, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी

बीएसपी अस्पताल में हड्‌डी, स्त्री शिशु, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी

शनिवार को बीएसपी अस्पताल की समस्या को लेकर यूनियन, बीएसपी प्रबंधन व अस्पताल प्रभारी की संयुक्त बैठक हुई। दो घंटे तक चली बैठक में अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, मरीजों के साथ ठीक से व्यवहार नहीं होने, एक्स-रे व सोनोग्राफी की मशीन खराब होने से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई। जिस पर मुख्य महाप्रबंधक समीर स्वरूप ने समस्या जल्द दूर करने की बात कही।

बैठक में मान्यता प्राप्त यूनियन संयुक्त खदान मजदूर संघ के सचिव कवलजीत सिंह मान ने कहा कि बीएसपी अस्पताल को कर्मचारियों की सुविधा के लिए लगभग 60 साल पहले बनाया गया था। अस्पताल में पहले 100 बेड की सुविधा के साथ अनुभवी डाक्टर, नर्स व अटेंडेंट की व्यवस्था थी। लोगों को इलाज के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ता था।

लेकिन धीरे-धीरे अस्पताल में सुविधाओं में कटौती होने से कर्मचारियों का भरोसा उठ गया। कर्मचारी इस अस्पताल में इलाज कराने से कतराते हैं। अस्पताल में एक विशेषज्ञ को छोड़कर बाकी नहीं है। हड्डी रोग, स्त्री रोग, शिशु, आंख रोग विशेषज्ञ कमी है। अस्पताल में ओपीडी के समय सभी डाक्टर एक हाल में पास-पास बैठकर मरीज का इलाज करते हैं। एेसे में महिलाएं अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बताने में हिचकती हैं।

संविदा डॉक्टर से काम लिया जा रहा: केजुअल्टी में मरीज इलाज के लिए जाते हैं तो डॉक्टर उपस्थित नहीं रहते हैं। डॉक्टर के इंतजार में मरीज बैठे रहते हैं। जबकि डॉक्टर कमरे में आराम करते रहते हैं। चपरासी के बताने के बाद भी डॉक्टर आराम से मरीज को देखने आते है। तब तक मरीज तड़पता रहता है। ओपीडी में डॉक्टर समय पर नहीं बैठते। विशेषज्ञ डॉक्टर की कमी है। संविदा डॉक्टर से काम लिया जा रहा है। छोटी- छोटी बीमारी पर भी भिलाई सेक्टर 9 रेफर किया जाता है। इससे परेशानी का सामना करना पड़ता है।

खराब पड़ी है एक्स-रे व सोनोग्राफी मशीन

अस्पताल में नर्स व अन्य स्टाफ की कमी है। यहां दो ड्रेसर हैं। उसमें से एक डयूटी के दौरान नशे में रहता है। जिसे लेकर अस्पताल प्रभारी से शिकायत की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं ड्यूटी करने वाली नर्स भी परेशान हैं। शराब के नशे में ड्रेसर मरीज व नर्स के साथ अभद्र व्यवहार करता है।

यूनियन ने बताया कि एक महीने से एक्स-रे व सोनोग्राफी मशीन खराब है। यदि एक्सरे व सोनोग्राफी करना हो तो भिलाई जाना पड़ता है। इन सब परेशानी से बचने के लिए मरीज निजी अस्पताल में जाने मजबूर हैं। अस्पताल प्रबंधक का इस ओर ध्यान नहीं है। अस्पताल में मरीजों के लिए पर्याप्त दवाई भी नहीं है। मरीज को मेडिकल स्टोर्स से दवाई लेनी पड़ती है। अस्पताल के मेल व फिमेल वार्ड का पंखा, कूलर खराब हैं। इससे मरीजों को गर्मी में परेशानी होती है।

हमेशा आश्वासन ही मिलता है, होता कुछ नहीं

इधर लोगों का कहना है कि यूनियन व अस्पताल प्रबंधन के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। हर बार बीएसपी प्रबंधन के द्वारा आश्वासन दिया जाता है। लेकिन अमल नहीं किया जाता है। बैठक में अस्पताल प्रभारी मनोज डहरवाल, दानसिंह चंद्राकर, तोरनलाल साहू, आरपी बरेट, राजेश कुमार साहू, कुलदीप सिंह, प्रीतम पटेल, मोती जार्ज, पवन गंगबोर, श्रीनिवासलू, अरविंद पाठक, अखिलेश मसीह, शमसुद्दीन अंसारी, सोमित साहू, धनराज साहू, आरबी सिंग, ओपी शर्मा, श्याम सुंदर, नर्स शैली मैथ्यू, निशाराम, आशालता नेताम, समुंद्र गेंदले, सुजाता दास समेत अन्य उपस्थित थे।

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