औषधियों में विराजमान है नवदुर्गा,, जो म्हे देती है नवजीवन : राम बालक दास
नवरात्रि के पावन अवसर पर संत श्री राम बालक दास जी का छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिला के विभिन्न ग्रामों में सत्संग प्रवचन का कार्यक्रम चल रहा है इस अवसर पर उन्होंने आज कवर्धा जिला के डोमा टोला में प्रवचन के अंतर्गत बताया कि ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा नौ विशिष्ट औषधियों में विराजमान हैं जैसे..
(1) प्रथम शैलपुत्री (हरड़) : कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है।
(2) ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) : ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है। इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।
(3) चंद्रघंटा (चंदुसूर) : यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं।
(4) कूष्मांडा (पेठा) : इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक रोगों में यह अमृत समान है।
(5) स्कंदमाता (अलसी) : देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है।
(6) कात्यायनी (मोइया) : देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका। इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं। यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।
(7) कालरात्रि (नागदौन) : यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती हैं। यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है।
(8) महागौरी (तुलसी) : तुलसी सात प्रकार की होती है सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है।
(9) सिद्धिदात्री (शतावरी) : दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं। यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है। इस तरह माता नवदुर्गा हमारी विभिन्न रूपों में रक्षा करती है
संत श्री के कार्यक्रम प्रभारी ने बताया कि 26, 27 सितम्बर डोमाटोला में प्रवचन,
27 सितम्बर कुरुवा,, ,, 28 सितम्बर पतोरा साजा,,28 सितम्बर कुई कुकदुर ,,29, 30 सितम्बर शक्ति घाट साजा में
1, 2, अक्टूबर टेड़ेसरा दुर्ग में
3 अक्टूबर को पुटपुरा नवागढ, 3 अक्टूबर कवर्धा मशाल रैली,, एवं 4 अक्टूबर को अर्जुनी बेमेतरा,, में संत श्री राम बालक दास जी का प्रवचन कार्यक्रम है