ऑनलाइन ठगी के खिलाफ अभियान

ऑनलाइन ठगी के खिलाफ अभियान

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ऑनलाइन ठगी के खिलाफ अभियान

ऑनलाइन ठगी करने वालों के नंबर अब पुलिस ने ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। अब तक 140 नंबरों को ब्लॉक कराया जा चुका है, 400 नंबरों को ब्लॉक करने के लिए भेजा गया है। लेकिन इससे भी बड़ा मसला ये है कि इससे कैसे बचा जा सके।

पिछले साल शहर केे 2300 से ज्यादा लोग ठगी का शिकार हुए थे। इसमें 104 में पुलिस ने केस दर्ज किया था। पुलिस अब ठगी रोकने के लिए कार्रवाई के साथ ठगों का नंबर ब्लॉक करा रही है।

पिछले दो माह के भीतर 140 नंबर को बंद कराया गया है। 400 नंबर को चिन्हित किया गया है, जिसे इस महीने बंद कराया जाएगा। एएसपी क्राइम अभिषेक माहेश्वरी का कहना है कि जिन नंबरों को ब्लाॅक किया है, उनसे ठगी नहीं हो सकेगी।

रोजगार का झांसा देकर बेरोजगार युवती से ठगी


राजधानी से लगे आरंग की 21 साल की कॉलेज छात्रा से शनिवार को रोजगार का झांसा देकर 71 हजार की ऑनलाइन ठगी हो गई। छात्रा ने सोशल मीडिया में नटराज पेंसिल का विज्ञापन देखा। उसमें पेंसिल पैकिंग पर हर महीने 30 हजार देने का झांसा दिया गया था। छात्रा ने 260 रुपए ऑनलाइन जमा करके रजिस्ट्रेशन कराया।

उसके बाद अलग-अलग प्रोसेस का झांसा देकर छात्रा से 71 हजार खाते में जमा करा लिए गए। ठग अभी भी फोन करके पैसा जमा करने कह रहे हैं। जबकि छात्रा के पास अब तक पैकिंग के लिए पेंसिल तक नहीं आई है।

कोई सामान भी नहीं मिला है। छात्रा ने कर्ज लेकर पैसा जमा किया है। पुलिस ठगों के फोन नंबर और खाते की जांच कर रही है। इस नंबर को भी बंद करने के लिए भेजा जाएगा। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।

बंगाल, राजस्थान और हरियाणा के ज्यादा नंबर


पुलिस ने ठगों के 140 नंबर बंद कराए हैं। इसमें 84 नंबर पं. बंगाल के है। 28 नंबर हरियाणा के मेवात और 22 नंबर राजस्थान के हैं। ठग जिस राज्य के होते हैं, वहां का नंबर उपयोग नहीं करते। ठग सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मदद से फर्जी वेबसाइट और लिंक भी बना रहे हैं।

आधार लिंक से लेकर बिजली काटने का झांसा


ठग आधार कार्ड, पैनकार्ड लिंक कराने से लेकर बिजली काटने का झांसा देकर ठगी कर रहे हैं। कोरोना के समय टेस्ट और खून का झांसा देकर ठगी की थी। अब लोगों को खाता अपडेट कराने का झांसा दे रहे हैं। बीमा पॉलिसी से लेकर रेलवे टिकट बुक कराने के नाम पर ठगी हो चुकी है।

ये जानकारी आपकी सहायता करेगी
ग्रीन लाइट मतलब सही, रेड मतलब संदिग्ध

सायरब एक्सपर्ट मोहित साहू बताया कि हर लिंक और साइट का यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) होता है। असली लिंक https:// से शुरू होता है। जबकि नकली लिंक या साइट http:// से। इसलिए पैसों के मामले में इसका ध्यान रखना चाहिए।

किसी भी यूआरएल की https://wheregoes.com और https://www.virustotal.com साइट में जाकर जांच की जा सकती है। मोबाइल या मेल पर आए लिंक को कॉपी कर साइट में पेस्ट कर दें। ये चैकर लिंक का तकनीकी विश्लेषण करता है। फिर जांच के बाद लिंक से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराता है। इसमें ग्रीन लाइट आती है। ग्रीन का मतलब लिंक सही है। रेड आने पर संदिग्ध होता है। उसे पढ़कर समझा जा सकता है कि वह संबंधित कंपनी से संबंधित लिंक है नहीं।

घर बैठे 1930 पर करें शिकायत


ऑनलाइन ठगी का शिकार होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 में फोन कर शिकायत की जा सकती है । इसके अलावा 0771-4247107 और 9479191019 पर व्हाट्स एप भी कर सकते हैं। या फिर www.cybercrime.gov.in में भी ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। शिकायत मिलने के बाद तुरंत ट्रांजेक्शन रोकने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 24 घंटे के भीतर पुलिस केस दर्ज कर लेगी।

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