हादसों पर ब्रेक की योजना, सड़क दुर्घटना की ऑडिट रिपोर्ट, बीते आठ माह में 257 हादसे,127 लोगों की हुई मौत

हादसों पर ब्रेक की योजना, सड़क दुर्घटना की ऑडिट रिपोर्ट, बीते आठ माह में 257 हादसे,127 लोगों की हुई मौत

हादसों पर ब्रेक की योजना, सड़क दुर्घटना की ऑडिट रिपोर्ट, बीते आठ माह में 257 हादसे,127 लोगों की हुई मौत

हादसों पर ब्रेक की योजना, सड़क दुर्घटना की ऑडिट रिपोर्ट, बीते आठ माह में 257 हादसे,127 लोगों की हुई मौत

सोमवार को यातायात विभाग व पुलिस टीम ने एनएच 30 जगतरा-बालोदगहन में ओवरलोड व यातायात का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई की। भले ही चालानी कार्रवाई, जन जागरूकता अभियान चलाकर चिह्नांकित ब्लैक स्पॉट, डेंजर जोन में सुरक्षा के तमाम उपाय करने के दावे कर रहे हैं, बावजूद इसके सच्चाई यह है कि जिले में हर माह ओवर स्पीड, ओवरटेक, ओवरलोड, नशे सहित अन्य कारणों से 32 सड़क हादसे में 15 लोगों की जान जा रही है।

29 लोग घायल हो रहे हैं। यूं कहें कि तमाम सुरक्षा के दावों के बीच हादसे थम नहीं रहे हैं। लिहाजा जिले के 7 ब्लैक स्पॉट में सड़क हादसे रोकने भविष्य की कार्ययोजना तैयार की गई है। इंजीनियर की सलाह से जरूरी सुधार कार्य करवाएंगे। संकेतक बोर्ड, स्टॉपर लगाएंगे। इसके अलावा अन्य उपाय करेंगे। जनवरी से अगस्त तक 257 सड़क हादसों में 127 लोगों की मौत हो चुकी है। 234 लोग घायल हुए है। यह खुलासा सभी थाना, चौकी से जानकारी लेने के बाद यातायात विभाग पुलिस की ओर से जारी रिपोर्ट से हुआ है। अगस्त के 31 दिन में ही 36 सड़क हादसे में 16 लोगों की मौत हुई है। 36 लोग घायल हुए है।

दो एनएच के चार स्थानों पर हर 3 साल में 5 लोग दम तोड़ रहे

पिछले तीन साल में हुई सड़क दुर्घटना व लोगों की मौतों के आंकड़ों के आधार पर 2 नेशनल हाईवे 30 व 930 में चार और दो स्टेट हाइवे में 3, कुल 7 स्थानों को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हांकित किया गया है। प्रत्येक थाने से वर्ष 2019, 2020 व 2021 में हुए मृत्युुकारित सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी मंगाई गई थी।

ब्लैक स्पॉट के लिए चिन्हांकित कर मुख्य पुलिस कार्यालय व शासन को जानकारी दी गई है। इन स्थानों में हर तीन साल में हो रहे सड़क हादसों में न्यूनतम 5 लोग दम तोड़ रहे है। वहीं 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो रहे है।

इस साल फरवरी व जून माह में सबसे ज्यादा 18-18 माैतें

यातायात विभाग, पुलिस के अनुसार इस साल अगस्त तक 257 हादसे में 127 लोगों की मौत हुई, 234 लोग घायल हुए। जनवरी में 34 हादसे में 17 मौत व 32 घायल हुए। फरवरी में 32 हादसे में 18 मौत व 25 घायल, मार्च में 28 हादसे में 12 मौत व 22 घायल, अप्रैल में 29 हादसे में 17 मौत, 18 घायल, मई में 33 हादसे में 13 मौत, 37 घायल, जून में 35 हादसे में 18 मौत व 37 घायल, जुलाई में 35 हादसे में 16 मौत व 27 घायल, अगस्त में 31 हादसे में 16 मौत व 36 घायल हुए।

जानिए, जिले में कहां ब्लैक स्पॉट, जहां हो रहे हादसे

चिटौद: एनएच 30 रायपुर-जगदलपुर के दायरे में गुरूर ब्लॉक का चिटौद पहले से ही डेंजरजोन है।

- बालोदगहन: एनएच 30 रायपुर-जगदलपुर में गुरूर ब्लॉक के बालोदगहन के पास हादसे हो रहे है। दोनों किनारे ढाबा संचालित होने से लोगों का आना-जाना लगा रहता है।

- जगतरा: एनएच 30 रायपुर-जगदलपुर के दायरे में गुरूर ब्लॉक के जगतरा मंदिर, मोड़ के पास हादसे थम नहीं रहे है।

- सांकरा: एनएच 930 पुरूर-गढ़चिरौली महाराष्ट्र बार्डर के दायरे में बालोद ब्लॉक के सांकरा, करहीभदर मार्ग में पिछले तीन साल में हुए हादसे में औसतन 5 लोगों की मौत हुई है।

- पैरी मुख्य मार्ग: स्टेट हाइवे 7 में गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम पैरी का मुख्य मार्ग से होकर लोग दुर्ग, भिलाई, रायपुर, बालोद आना-जाना करते है इसलिए यातायात का दबाव होने से सड़क हादसे हो रहे है।

- संबलपुर: स्टेट हाइवे 5 में डौंडी लोहारा ब्लॉक के ग्राम संबलपुर में सड़क हादसे हो रहे है। तिराहा मार्ग होने से हादसे की संभावना बढ़ जाती है।

- गुदुम: स्टेट हाइवे 5 में डौंडी ब्लॉक के ग्राम गुदुम में पहले सड़क हादसे कम होने से कम लोगों की मौत हो रही थी, लेकिन पिछले तीन साल सड़क हादसे बढ़े हैं। इस दौरान 5 लोग दम तोड़ चुके हैं।

हादसे रोकने चालानी कार्रवाई, जागरूकता अभियान भी

एएसपी हरीश राठौर, जिला यातायात प्रभारी दिलेश्वर चंद्रवंशी ने बताया कि सड़क हादसे रोकने चालानी कार्रवाई के अलावा जन जागरूकता अभियान चला रहे है। सोमवार को ही नेशनल हाइवे पर ओवरलोड व यातायात का उल्लंघन करने वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई कर समझाइश दिए हैं। ओवरस्पीड, ओवरटेक, हड़बड़ी व हेलमेट नहीं लगाने के चलते हादसे हो रहे हैं।

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