झरनदल्ली खदान प्रबंधन की मेहरबानी से अब अनस्कीलड ठेका श्रमिक भी चला सकेंगे टिप्पर और मशीनें, भारतीय मजदूर संघ
भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झरनदल्ली खदान में चल रहे लोडींग और ट्रानसोपैटेशन आफ आयरन ओर के ठेके में झरनदल्ली खदान प्रबंधन द्वारा सुरक्षा के मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है और ठेके के नियम शर्तों का भी पालन नहीं किया जा रहा है अनफिट गाड़ियों चलाया जा रहा है ईस ठेके में लगीं गाडियां आये दिन बीड़ी रहतीं हैं सही तरीके से मरम्मत कार्य नहीं किया जा रहा है जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। झरनदल्ली खदान प्रबंधन ठेके में उल्लेखित नियमों का पालन नहीं करा रही है जितनी मशीनें और गाडियां ठेकेदार को ईस ठेके में लगानी है उतनी गाडियां और मशीनें नहीं लगवाई जा रही है और कुछ अनफिट मशीन और वाटर टेंकर को सिर्फ दिखाने के लिए कार्यस्थल पर खड़ा कर दिया गया है और ये मशीनें और गाडियां जब से ठेका प्रारंभ हुआ है तब से सिर्फ खड़ी है इससे साफ पता चलता है कि झरनदल्ली खदान प्रबंधन द्वारा सिर्फ दिखाने के लिए ठेकेदार को मशीनें और गाडियां खड़ी करने को कहा,ईसके पीछे का खेल कुछ और ही नजर आता है यही हाल यहां पर कार्यरत ठेका श्रमिकों की संख्या को लेकर भी है। संघ का स्पष्ट मानना है कि कोई ठेका जब बनाया जाता है तो ईस बात को आधार बनाया जाता है कि इसमें ईतनी गाडियां,ईतनी मशीनें,ईतने ठेका श्रमिक कार्य करेंगे। लेकिन झरनदल्ली खदान प्रबंधन द्वारा सारे नियमों को शिथिल करते हुए सिर्फ ठेकेदार को लाभ पहुंचाने में लगीं हुईं हैं और यह बात ईससे भी प्रमाणित होती है कि आज यह ठेका समाप्त होने वाला है और झरनदल्ली खदान प्रबंधन ठेका में दिये गये मशीन और गाडियां ईस ठेके में लगवाने में असफल रहे।इसी से ईनकी कार्यशैली का पता चलता है कि ये बीएसपी प्रबंधन के लिए कार्य कर रहे हैं या फिर ठेकेदार के लिए? आज यहां कार्यरत ठेका श्रमिक असुरक्षित तरीके से कार्य करने को मजबूर हैं इस माईंस की सड़क इतनी खराब है कि कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है मगर उसके बाद भी झरनदल्ली खदान प्रबंधन ईसकी मरम्मत के लिए ठेकेदार को निर्देशित करते नजर नहीं आते हैं। जोकि काफी खेदजनक है। बार बार ठेका श्रमिकों के बोलने के बाद भी ठेकेदार द्वारा आजतक श्रमिकों को रैनकोट नहीं दिया गया है ठेकेदार द्वारा मेडिकल सुविधा नहीं दी जा रही है शहीद अस्पताल में ठेकेदार द्वारा अस्पताल का बिल भुगतान नहीं करने के कारण अस्पताल में ठेका श्रमिकों का ईलाज नहीं किया जा रहा है और जब ठेका श्रमिक दूसरे अस्पताल से ईलाज कराके ठेकेदार को बिल देते हैं तो ठेकेदार द्वारा उसका भुगतान नहीं किया जाता है और झरनदल्ली खदान प्रबंधन इसमें चुपचाप अपनी मौन सहमति देता नजर आता है। झरनदल्ली खदान में कार्य कर रहे बहुत से ठेका श्रमिकों को 15 साल से अधिक हो चुका है मगर झरनदल्ली खदान प्रबंधन उनको समझौते के अनुसार उसका लाभ नहीं दे रही है।
झरनदल्ली खदान के ठेके में भ्रष्टाचार का मामला नया नहीं है इसके पूर्व भी ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए झरनदल्ली खदान प्रबंधन नियम शर्तों के साथ खिलवाड़ करता आया है।ईस बार भी संघ को ऐसा लगता है की मशीनों और गाड़ियों के साथ मैनपावर में भी गड़बड़ी की जा रही है। क्योंकि जब कम गाड़ियों और कम मैनपावर में कार्य हो सकता है तो जानबूझकर ठेके को अधिक राशि का क्यों बनाया गया है ये एक जांच का विषय है क्योंकि जिस तरह से राजहरा खदान समूह के कुछ अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं और जो प्रमाणित भी हो चुका है इसलिए इस ठेके में भी इससे इंकार नहीं किया जा सकता है संघ ईस पुरे ठेके की विजिलेंस जांच की मांग करेगी और आवश्यकता हुई तो ईसकी जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग करेंगी जिससे ठेका श्रमिकों की मेहनत की कमाई पर डाका डालने वालों पर कड़ी कार्यवाही हो। खदान के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण सिर्फ राजहरा खदान से ही सालाना करोड़ों का भ्रष्टाचार हो रहा है जो जांच का विषय है क्योंकि इससे ठेका श्रमिकों के साथ साथ नियमित कर्मचारियों का भी बड़ा नुक़सान हो रहा है कंपनी को करोड़ों का नुक़सान हो रहा है और कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। संघ की मांग है कि बीएसपी प्रबंधन ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही जिस तरह भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्य पर लापरवाही और असुरक्षित तरीके से कार्य करवाने वाले 24 अधिकारियों को 07 दिनों के लिए निलंबित किया गया है। उसी तर्ज पर झरनदल्ली खदान प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्कालीक कार्यवाही हो। जिससे सभी कर्मचारियों और जनमानस पर एक अच्छा संदेश जाये।
जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने आगे बताया कि झरनदल्ली खदान प्रबंधन द्वारा सुरक्षा के मापदंडों का इस तरह खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है कि आमानी का कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों से टिप्पर चलवाया जा रहा है।और तो और हेल्पर से मशीन चलवाया जा रहा है। जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है।और मजे की बात यह है कि गाड़ीयां और मशीनें चलवाने के बाद भी उन ठेका श्रमिकों को वेतन अनस्कीलड का ही दिया जा रहा है। संघ को जानकारी मिली है कि ईस ठेके में लगी मशीन का कांच बहुत दिनों से टूटा हुआ है। जिससे मशीन आपरेटर को ठीक तरह से दिखाई नहीं देता है और कभी भी गंभीर दुर्घटना हो सकती है। ईन सभी बिन्दुओं से तो यही लगता है कि झरनदल्ली खदान प्रबंधन आदतन असुरक्षित तरीके से कार्य करने में महारत हासिल की हुई है। ईनको श्रमिकों के साथ होने वाली दुर्घटना से कोई सरोकार नहीं है ये तो बस ठेकेदार को लाभ पहुंचाने में लगे हुए हैं। झरनदल्ली खदान प्रबंधन द्वारा ठेका श्रमिकों को लगातार ओवर टाइम भी करवाया जाता है मगर खाली पदों पर भर्ती नहीं की जा रही है और ईस तरह भी ठेकेदार से कम श्रमिकों का वेतन भुगतान करवा कर झरनदल्ली खदान प्रबंधन उसको लाभ पहुंचाने में लगीं हुईं हैं।