बिना गेटपास के कार्य करवा रहें राजहरा खदान प्रबंधन, भारतीय मजदूर संघ

बिना गेटपास के कार्य करवा रहें राजहरा खदान प्रबंधन, भारतीय मजदूर संघ

बिना गेटपास के कार्य करवा रहें राजहरा खदान प्रबंधन, भारतीय मजदूर संघ

बिना गेटपास के कार्य करवा रहें राजहरा खदान प्रबंधन, भारतीय मजदूर संघ

खदान मजदूर संघ भिलाई संबद्ध भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष एम पी सिंग ने आज खदान  प्रबंधक राजहरा यंत्रीकृत खदान राजहरा खदान समूह भिलाई 
इस्पात संयंत्र को ज्ञापन सौंपकर  मेसर्स एम आर ट्रांसपोर्ट द्वारा संचालित एक बैक हो लोडर और एक महिन्द्रा पिकअप गाड़ी बीएसपी को देने का कार्य अवार्ड किया गया है। ईस ठेके को तत्काल समाप्त करने एवं ठेके में संभावित भ्रष्टाचार की जांच करने का निवेदन किया है। संघ के अध्यक्ष एम पी सिंग ने बताया कि 
 Award No.- CC-Mines-RAJHARA/4270012274/1130021196/AL-03(22-23)/08,ईस अवार्ड लेटर के माध्यम से 
  M/s M.R. Transport को राजहरा यंत्रीकृत खदान में एक बैंक-हो लोडर एवं एक महिंद्रा पिकअप गाडी बी.एस.पी को देने का कार्य अवार्ड किया गया था। उक्त कार्य पूर्व में भी प्रबंधन द्वारा ठेके पर निकाला गया था जिसमें कार्यरत श्रमिकगण इस कार्य में भी कार्यरत हैं। उक्त कार्यरत श्रमिकों द्वारा संघ को लिखित रूप से एक शिकायत पत्र दी गयी है जिसमें कुछ ऐसे तथ्यों का उल्लेख किया गया है जो कि न केवल गंभीर प्रकृति के आरोप बल्कि उनसे यह स्पष्ट होता है कि राजहरा खदान समूह प्रबंधन में बैठे अधिकारीगण केवल कानून 
के पालन का आडम्बर तो करते हैं किन्तु वास्तविक रूप से खुलकर कानून का उल्लंघन करते हैं और ठेकेदार के साथ मिलकर श्रमिकों का शोषण करने में आगे रहते हैं। संघ को मिली शिकायात के आधार पर हमें बड़े ही खेद के साथ यह कहना पड़ रहा है कि प्रबंधन में बैठे अधिकारीयों के लिए कानून भी एक मजाक बन गया है।
         
उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायलय बिलासपुर के समक्ष प्रेषित तथ्यों को भी नजरअंदाज किया जा रहा है जिससे ऐसा लगता है कि अधिकारीगण अपने आप को कानून के दायरे से भी ऊपर समझते हैं। संघ को मिली शिकायात में यह स्पष्ट पता चलता है कि  इस कार्य हेतु ठेकेदार द्वारा केवल एक बार ही गेट पास बनाया गया और वो भी अस्थायी गेट पास, उक्त गेट पास के अध्ययन से यह बात भी सामने आयी है कि गेट पास बनाते समय स्वयं CISF ने यह सवाल किया है कि इस कार्य हेतु फोटो पास न बनवाकर अस्थायी पास क्यों बनवाया जा रहा है? साथ ही उक्त अस्थायी पास की अवधि केवल 16.05.2022 को समाप्त हो गयी थी। इस गेटपास में उल्लेखित बैक-हो लोडर क्रमांक CG-24N-6888 एवं बोलेरो गाड़ी क्रमांक
JH-10-BV-6507 के वर्किंग परमिशन का भी जिक्र है जो कि 16.05.2022 को समाप्त हो गयी है।ऐसे में श्रमिकों के द्वारा उल्लेखित तथ्य अगर सही हैं और गेट पास अथवा गाडी की परमिशन का नवीनीकरण नहीं किया गया है तो इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि उक्त कार्यस्थल पर कुछ तो अवैध किया जा रहा है जिसे दबाने के प्रयास में ही प्रबंधन और ठेकेदार की मिली भगत से गेट पास और गाड़ियों के परमिशन का नवीनीकरण नहीं किया गया। अगर ये आरोप सही हैं तो यह एक गंभीर जांच का विषय बनता है। अगर ठेकेदार द्वारा गेटपास और गाड़ियों के परमिशन का नवीनीकरण कराया गया है तो बीएसपी प्रबंधन से यह अपेक्षा की जाती है कि आप उसे संघ के समक्ष प्रस्तुत करें ताकि प्रबंधन पर लग रहे गंभीर आरोप की सच्चाई सामने आ सके।
 
श्रमिकों ने यह शिकायत की है कि ठेकेदार द्वारा उन्हें दो माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। और न ही वेतन पर्ची एक महारत्न कंपनी के अधिकारी होने के नाते यही अपेक्षा की जाती है कि आपके देखरेख में चल रहे प्रत्येक ठेके में केंद्र / राज्य सरकार द्वारा बनाये गए श्रम कानून का विधिसम्मत पालन हो और श्रमिकों का शोषण न हो। किन्तु श्रमिकों को दो माह से वेतन न मिलना और आपके द्वारा किसी तरह की कोई कारवाई का न होना यह दर्शाता है कि श्रमिकों के शोषण में संभवतः प्रबंधन भी ठेकेदार के साथ मिली हुई है और संघ प्रबंधन के इस शोषक विचारधारा का न केवल विरोध करती है बल्कि यह मांग करती है कि श्रमिकों को तत्काल न केवल विभागीय वेतन भुगतान कराया जावे बल्कि उनके बोनस और अर्जित छुट्टी के पैसे का भी तत्काल भुगतान किया जावे चूँकि उक्त ठेके की अवधि समाप्त हो चुकी है और आपके द्वारा उक्त कार्य के लिए किसी तरह का टाइम एक्सटेंशन का अप्रूवल नहीं लिया गया है। ऐसे परिस्थिति में वैधानिक रूप से उक्त कार्य समाप्त माना जावेगा और सभी श्रमिक वेतन, बोनस और अर्जित छुट्टी के पैसे के हकदार बनते हैं जिसका भुगतान अविलम्ब किया जाना प्रबंधन की नैतिक और वैधानिक जवाबदारी है। लेकिन संघ को जानकारी मिली है कि कार्य अवधि समाप्त होने के बाद भी राजहरा खदान प्रबंधन ग़लत तरीके से श्रमिकों को बुलाकर कार्य करवा रहा था जोकि ईनकी आदतन असुरक्षित तरीके से कार्य करने की शैली को दर्शाता है। श्रमिकों ने यह शिकायत की है कि उन्हें ठेकेदार द्वारा सुरक्षा सामग्री प्रदान नहीं की गयी है। उक्त ठेके के देख रेख की जिम्मेदारी आप पर होते हुए श्रमिकों को सुरक्षा सामग्री उपलब्ध कराना आपका नैतिक और वैधानिक दायित्व था जिसका आपके द्वारा स्पष्ट उल्लंघन किया गया जिससे यह साफ परिलक्षित होता है कि आप कार्यस्थल पर सुरक्षित कार्य कराने के प्रति उदासीन हैं और आपको श्रमिकों / कर्मियों की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है। 08माह कार्य बीतने के बाद भी श्रमिकों को सुरक्षा समाग्री का न दिया जाना और उनसे वैसे ही कार्य लेना राजहरा खदान प्रबंधन का कार्य शैली को दर्शाता है।
 
श्रमिकों ने यह शिकायत की है कि उनका कार्ड टाइम ऑफिस में नहीं डलता है। महोदय, आज से कुछ समय पूर्व आप ही के देख-रेख में संचालित राजहरा क्रशिंग प्लांट में ठेकेदार द्वारा श्रमिकों के शोषण एवं कार्य के देखरेख करने वाले अधिकारी से सांठ गाँठ करके कंपनी को लाखों का चूना लगाने का प्रकरण संघ द्वारा ही उजागर किया गया था जो कि वर्तमान में माननीय उच्च न्यायलय बिलासपुर के समक्ष विचाराधीन है। उक्त प्रकरण में प्रबंधन के विभागीय विजिलेंस विभाग द्वारा माननीय उच्च न्यायलय बिलासपुर में एक पत्र पेश किया गया है जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि उनके विभाग द्वारा Letter No BSP/COMP/324/2021/BSP/77/108, Dtd 08.02.2022 जारी कर खदान प्रबंधन को श्रमिकों के
गेटपास, वेतन पर्ची एवं हाजिरी हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गए हैं। श्रमिकों की शिकायत से यह स्पष्ट होता है कि बीएसपी के विजिलेंस विभाग द्वारा या तो माननीय उच्च न्यायलय को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है या फिर स्थानीय खदान प्रबंधन को अपने ही विभागीय विजिलेंस के दिशा निर्देश का उल्लंघन करने में किसी तरह का कोई परहेज नहीं है क्योंकि स्थानीय खदान प्रबंधन के अधिकारीगण अपने आप को देश के कानून, देश के वैधानिक संस्थाओं, देश की न्याय प्रणाली सभी से ऊपर मानते हैं और कानून का उल्लंघन करने अथवा वैधानिक संस्थाओं के दिशा निर्देशों की अवहेलना करने हेतु अधिकृत है। महोदय, संघ राजहरा यंत्रीकृत खदान प्रबंधन के इस मानसिकता का न केवल पुरजोर विरोध करता है बल्कि जरूरत पड़ने पर माननीय उच्च न्यायलय को इस बात से भी अवगत कराने में कोई परहेज नहीं करेगा कि प्रबंधन द्वारा उसे गुमराह करने हेतु भ्रामक तथ्य पेश किये जा रहे हैं जबकि वास्तविकता कुछ और है।
 श्रमिकों ने यह भी आरोप लगाया है कि ठेकेदार द्वारा जो मशीनें कार्यस्थल पर उपयोग में लायी जा रही हैं वो पूरी तरह से अनफिट हैं। 

 संघ ने पूर्व में भी सुरक्षा के प्रति आपकी उदासीनता का उल्लेख किया है वह इस आरोप से न केवल सिद्ध होता है बल्कि यह भी स्थापित होता है कि प्रबंधन द्वारा कर्मियों / श्रमिकों के सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरती जा रही है जो कि न केवल निंदनीय है बल्कि एक गंभीर जांच का भी विषय है।
 राजहरा खदान प्रबंधन पर लगे आरोप बहुत ही गंभीर प्रकृति के हैं और यह साबित करते हैं कि स्थानीय स्तर से लेकर सेल निगमित कार्यालय तक प्रबंधन में बैठे अधिकारीगण पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और उनका एक ही उद्देश्य है कि किस तरह से कंपनी को नुकसान पहुँचाया जावे। जब ठेका समाप्त हो चूका है और उक्त ठेके हेतु टाइम एक्सटेंशन भी नहीं लिया गया है ऐसे में समयावधि समाप्त होने के पश्चात भी किस
आधार पर आपके द्वारा उक्त ठेके को चालू रखने हेतु अवैधानिक प्रयास किया जा रहा है? आज वेतन समझौते के समय, बोनस वार्ता के समय सेल निगमित कार्यालय के अधिकारीयों द्वारा यह कहा जाता है कि कंपनी के पास वेतन देने के लिए पैसे नहीं है और उधार लेकर काम किया जा रहा है। ऐसे में आपके द्वारा ठेकेदार को किस आधार पर अवैधानिक लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है यह भी एक गंभीर जांच का विषय है और इस बात पर भी प्रश्न खड़े करता है कि जब कंपनी की वित्तीय स्थिति इतनी खराब है तो फिर ऐसे में एक खदान प्रबंधक एवं उप महा प्रबंधक होने के नाते कंपनी के वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के प्रयास न करते हुए ठेकेदार को लाभ पहुँचाने का जो प्रयास किया जा रहा है उसके पीछे उद्देश्य क्या है? अगर ठेकेदार द्वारा तय समयावधि में कार्यपूर्ण नहीं किया गया है तो अवैधानिक रूप से उक्त कार्य को पूर्ण कराने के आपके प्रयास से ऐसा लगता है कि इसमें संभवतः आपका व्यक्तिगत स्वार्थ छुपा हुआ है क्योंकि बगैर टाइम एक्सटेंशन लिए हुए भी कार्य करवाना न केवल गलत है बल्कि कई तरह के शंकाओं को भी जन्म देता है और एक गंभीर जांच का भी विषय बनता है।

उक्त तथ्यों के आधार पर संघ आपसे यह मांग करता है कि
 आबंटित ठेका कार्य, जिसकी समयावधि समाप्त हो चुकी है, उसे तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जावे, उसमें कार्यरत श्रमिकों के लंबित वेतन भुगतान, अर्जित छुट्टी के पैसे और बोनस का भुगतान तत्काल किया जावे। अगर आपके द्वारा संघ की उक्त बातों को स्वीकार नहीं किया जाता है तो मजबूरन संघ को कड़े कदम उठाने हेतु विवश होना पड़ेगा जिससे होने वाले किसी भी तरह के नुकसान के लिए केवल और केवल आप, राजहरा खदान प्रबंधन एवं बीएसपी प्रबंधन ही जिम्मेदार होंगे। साथ ही संघ ईस ठेके की स्वतन्त्र एजेंसी से जांच की मांग करता है जिससे ईसमे हुए भ्रष्टाचार को सामने लाया जा सकें।


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