धन धन गुरु रामदास साहेब जी का 488 वा प्रकाश उत्सव धन गुरु नानक दरबार में हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

धन धन गुरु रामदास साहेब जी का 488 वा प्रकाश उत्सव धन गुरु नानक दरबार में हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

धन धन गुरु रामदास साहेब जी का 488 वा प्रकाश उत्सव धन गुरु नानक दरबार में हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

धन धन गुरु रामदास साहेब जी का 488 वा प्रकाश उत्सव धन गुरु नानक दरबार में हर्षो उल्लास के साथ मनाया गया

सिख धर्म के चौथे पाठ शाही धन धन गुरु रामदास साहिब जी का 488 वा प्रकाश उत्सव धन गुरु नानक दरबार डेरा संत बाबा थाहिरिया सिंह साहेब जी जहराभाटा सिंधी कॉलोनी स्थित दरबार में तीन दिवसीय हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विशेष रुप से महान कीर्तन दरबार सजाया गया इस अवसर पर नवसारी गुजरात से भाई साहब सनी मूलचंदानी जी के द्वारा शब्द कीर्तन से साध संगत को निहाल किया की शुरुआत रात्रि 9:00 बजे आरंभ हुई वह 11:00 बजे समापन हुआ अपने अमृत वचन में उन्होंने गुरु रामदास जी के जीवन के बारे में प्रकाश डाला को कई प्रसंग सुनाए उन्हें बताया कि एक बार एक गुरमुख ने कहा कि गुरु रामदास जी आपके पूर्व पहले जो गुरु नानक देव जी गद्दी पर बैठे थे वह सब शब्द कीर्तन करते थे और आप भी करके बताएं गुरु राम दास जी ने कहा मैं तो गुरु का उत्साह सेवक हूं मुझे तो सिर्फ गुरुवाणी के अलावा कुछ नहीं आता उन्होंने जैसे ही अपने अमृत वचनों में पहला शब्द कहा उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए ऐसी अमृतवाणी ऐसे ऑन अनमोल वचन सुनकर वह धन्य हुए एक ग्रुप ने कहा इससे पहले जो गुरु गद्दी पर बैठे थे सभी ने कहीं ना कहीं नगर बसाया है गुरु रामदास जी आप भी नगर बताएं गुरमुख ने कहा मेरी पत्नी के नाम पर जमीन हैं आप वहां नगर बताएं सब बाबा श्री चंद ने कहा इस जमीन के अंदर अमृत का कुंड है और इसका नाम गुरु नानक देव जी पहले ही लिख कर गए हैं इसलिए इसका नाम अमृतसर होगा गुरु रामदास जी के पावन कर कमलों से अमृतसर नगर बसा वह हरमंदिर साहिब का निर्माण शुरू हुआ जिसे आज हम लोग स्वर्ण मंदिर स्वर्ण गुरुद्वारे के नाम से जानते हैं आज भी वहां पर गुरु नानक देव जी के गुरु रामदास जी के कई चमत्कार लोगों को देखने को मिलते हैं उनमें से एक वैज्ञानिक था जिसके दिमाग में ट्यूमर हो गया था

सभी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था तब एक भक्त ने कहा सभी डॉक्टरों ने जवाब दिया है पर गुरु रामदास साहिब जी ने जवाब नहीं दिया है आप सच्ची भावना से अमृतसर जाएं अखंड पाठ साहब आरंभ करवाएं और उसे सुने आपके सब दुख दर्द दूर हो जाएंगे वह वैज्ञानिक अमृतसर गया मत्था टेका सरोवर में स्नान किया जैसे ही अखंड पाठ कब आरंभ हुआ उसके आगे तकलीफ दूर हो गई अखंड पाठ का पूरा हुआ अरदास हुई पूरी तकलीफ दूर हो गई गायब हो गया जो वैज्ञानिक बैठ नहीं सकता था वह अब दौड़ते हुए बाहर निकला और कहने लगा गुरु रामदास जी ने मुझे ठीक कर दिया मुझे ठीक कर दिया ऐसे चमत्कार प्रतिदिन होते हैं जो सच्चे मन से सच्ची भक्ति से गुरु घर आता है वह कभी खाली नहीं जाता है 24 घंटे वहां पर पाठ होता है गुरु का अटूट लंगर बरताया जाता है बुल्लेर शाह ने कहा देश विदेश में मंदिरों में घुमा लेकिन ऐसा मंदिर ऐसा गुरद्वारा दूसरा कहीं नहीं देखा प्यारी साध संगत इस पावन अवसर पर आप लोगों ने गुरु घर हाजिरी लगाकर अपने जीवन को सफल बनाया है

 अब आप लोगों की हाजिरी ऊपर सचखंड में भी लग गई है आप लोग जब भी शब्द कीर्तन में सत्संग में जाए तो शांति से बैठे उसे सुने और अमल करें सिमरन करें तभी संपूर्ण शब्द कीर्तन व सत्संग का लाभ आपको मिलेगा आपका यह लोग भी और परलोग भी संवर जाएगा सारे दुख दूर हो जाएंगे गुरु ग्रंथ साहब का एक-एक शब्द हीरे मोतियों से भी महगा है और आप लोगों को यहां पर फ्री में ऐसे मोतियों से भी महंगी अनमोल वचन मिलते हैं बस जरूरत है उन्हें ग्रहण करने की आप लोग जब ऐसा कर लेंगे तब आप जैसा इस दुनिया में क्या उस लोग में भी नहीं होगा शब्द कीर्तन के आखिर में सेवा दारों के द्वारा आतिशबाजी की गई खुशियां मनाई गई अरदास की गई प्रसाद वितरण किया गया गुरु का अटूट लंगर बरताया गया 

 गुरु की प्यारी संगत इस पावन अवसर पर गुरु घर हाजिरी लगाकर आपने अपने जीवन को सफल बनाया 
 इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में धन् गुरु नानक दरबार के प्रमुख प्रबंधक भाई साहब मूलचंद नारवानी जी सेवादार डॉ हेमंत कलवानी जी पूर्व पार्षद सुरेश वाधवानी नानक पंजवानी प्रकाश जज्ञासी सोनू लालचंदानी विजय दुसेजा राजू धामेचा जगदीश सुखीजा राजेश माधवानी चंदू मोटवानी विष्णु धनवानी जगदीश जज्ञासी भोजराज नरवानी मेघराज नारा अनिता नारवानी पलक हरपाल  राखी वर्षा सुखीजा रमेश महेश चंदानी गंगाराम सुखीजा रमेश भगवानी सभी सेवादारों का विशेष सहयोग रहा




श्री विजय दुसेजा जी की खबर 

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