राजहरा माइंस को एक अतिरिक्त रैक आयरन ओर भेजने का दिया लक्ष्य, उत्पादन बढ़ेगा
विदेशी कोयले की सप्लाई सामान्य होने के साथ ही बीएसपी प्रबंधन एक बार फिर हाट मेटल का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए उसे दल्ली राजहरा माइंस प्रबंधन को प्रतिदिन एक अतिरिक्त रैक आयरन ओर की सप्लाई करने का लक्ष्य दिया है। बीएसपी में ब्लास्ट फर्नेस 8 महामाया के बाद ब्लास्ट फर्नेस 7 में ही सबसे अधिक 4 हजार टन प्रतिदिन हाट मेटल उत्पादन करने की क्षमता है लेकिन वह फर्नेस एक साल से अधिक समय से कैपिटल रिपेयर में था।
रिपेयर का काम डेढ़ महीने पहले ही पूरा कर लिया गया। बीते महीने रिहीटिंग की प्रक्रिया की गई। इसके बाद विदेशी कोल के साथ-साथ आयरन ओर की खपत बढ़ना लाजिमी है। प्रबंधन फर्नेस 7 को नियमित उत्पादन में लेकर हाट मेटल का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी करता उसके पहले ही कई कारणों से विदेशी कोल सप्लाई डिस्टर्ब होने की वजह से प्रबंधन अपनी योजना को अंजाम नहीं दे पाया। अब जबकि विदेशी कोल की सप्लाई सामान्य होने लगी है, प्रबंधन एक बार फिर हाट मेटल के उत्पादन को बढ़ाने जा रहा है।
साढ़े 7 रैक हर दिन आयरन ओर भेजने का टार्गेट
कोल संकट व ब्लास्ट फर्नेसों में तकनीकी खामियों के चलते प्रबंधन ने हाट मेटल का उत्पादन 17 हजार से घटाकर 12 हजार टन कर दिया। कोल संकट दूर होने के बाद अब एक बार फिर हाट मेटल का उत्पादन 147 हजार टन करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए अधिक आयरन ओर की जरूरत होगी। पहले दल्ली राजहरा से साढ़े 6 रैक आयरन ओर की हर दिन आ रही थी। अब साढ़े 7 रैक आयरन का टार्गेट रखा गया है।
बड़ी वजह: छोटा क्रशिंग प्लांट लगाने से नहीं बढ़ पा रहा उत्पादन
अंजरेल में उत्पादन नहीं बढ़ने की बड़ी वजह कम क्षमता का क्रशिंग प्लांट स्थापित किया जाना है। छोटा प्लांट होने की वजह से बड़े साइज के आयरन ओर उसमें फंस जाता है। इसके कारण बार-बार ब्रेक डाउन की स्थिति निर्मित हो रही है। इस समस्या को देखते हुए एजेंसी ने अब अधिक क्षमता का क्रशिंग प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है।
रावघाट में उत्पादन नहीं बढ़ पाने भी बढ़ी मुश्किलें, इसलिए बढ़ाया लक्ष्य
अंजरेल (रावघाट) में उत्पादन शुरू होने के बाद माइंस प्रबंधन को थोड़ी आस बंधी थी लेकिन वह भी पूरी नहीं हो पा रही है। वहां से वर्तमान केवल 100 टन आयरन ओर का ही उत्पादन हो रहा है। इससे भी प्रबंधन की मुश्किल बढ़ गई है। यहां कम से कम एक हजार से डेढ़ हजार टन प्रतिदिन आयरन ओर का उत्पादन होने पर प्रबंधन को कुछ मदद मिल सकती है।
लक्ष्य को पूरा करना माइंस प्रबंधन के सामने चुनौती
बीएसपी प्रबंधन ने माइंस प्रबंधन के सामने भले ही साढ़े सात रैक आयरन ओर प्रतिदिन भेजने का लक्ष्य दिया है लेकिन उसे पूरा कर पाना माइंस प्रबंधन के लिए आसान नहीं है। क्योंकि माइंस में डिपाजिट लगातार घटते जाने की वजह से उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। इतना ही नहीं वर्तमान में जो आयरन ओर निकल भी रहा है तो उसमें मिट्टी सहित अन्य तत्व अधिक मात्रा में मिले होते हैं। जिससे फर्नेस की खराब हो सकता है।
विशेष भत्ता के लिए दीवाली के बाद होगा आंदोलन
इधर माइंस कर्मियों को डिस्टर्ब एरिया स्पेशल अलाउंस (डासा) 10 प्रतिशत दिए जाने की मांग को लेकर प्रबंधन व कर्मचारी यूनियनों की अब तक की बैठक विफल रही है। प्रबंधन 8 प्रतिशत तक डासा देने का प्रस्ताव दे चुका है। यूनियन नेता 10 प्रतिशत दिए जाने पर अड़े हुए हैं। एसकेएमएस के राजेंद्र बेहरा के मुताबिक दीवाली तक प्रबंधन के निर्णय का इंतजार किया जाएगा।