पैसेंजर, मेमू और डेमू ट्रेनों में सफर करने वालों से रेलवे वसूल रहा डेढ़ गुना अधिक किराया

पैसेंजर, मेमू और डेमू ट्रेनों में सफर करने वालों से रेलवे वसूल रहा डेढ़ गुना अधिक किराया

पैसेंजर, मेमू और डेमू ट्रेनों में सफर करने वालों से रेलवे वसूल रहा डेढ़ गुना अधिक किराया

पैसेंजर, मेमू और डेमू ट्रेनों में सफर करने वालों से रेलवे वसूल रहा डेढ़ गुना अधिक किराया

कोरोना काल में दो सालों तक यात्री ट्रेनें बंद रहने के बाद फिर से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया। लोकल पैसेंजर से लेकर मेमू और डेमू ट्रेने तक चलने लगी। इन सबके बीच रेलवे गरीबों को किराया से राहत देना भूल गया। कोरोना काल से पहले लोगों को भिलाई से रायपुर का जहां 20 रुपए किराया लगता था वह 30 रुपए लिया जा रहा है। इसी तरह भिलाई से डोंगरगढ़ का किराया 25 रुपए की जगह 40 और बिलासपुर व अंतागढ़ के लिए 35 रुपए की जगह 65 रुपए किराया देना पड़ रहा है।

लोगों का कहना है कि आज भी वह लोग पहले की तरह ही पैसेंजर, मेमू और डेमू ट्रेन से ही सफर करते हैं। इसके बाद भी उनसे डेढ़ से दो गुना अधिक किराया वसूला जा रहा है। मजबूरी में उन्हें अधिक किराया देकर सफर करना पड़ रहा है। पहले रोजाना सफर करने वालों के लिए जनरल कोच की सुविधा थी। अब उन जनरल कोच को भी आरक्षित कर दिया गया है। वहां बैठने के लिए रिजर्वेशन करना पड़ता है। किराया बढ़ाने की बात करें तो यह सिर्फ जनरल कोर्च में ही नहीं है। एक्सप्रेस ट्रेनों को स्पेशल ट्रेन बनाकर चलाया जा रहा है और उसमें एसी फर्स्ट, सेकंड, थर्ड, स्लीपर और जनरल कोच का किराया पहले से अधिक वसूल किया जा रहा है।

लोकल के नाम पर चल रहीं 37 ट्रेनें

दुर्ग से रायपुर, बिलासपुर राजनांदगांव की तरफ रोजाना सफर करने वाले की सुविधा को देखते हुए 37 लोकल, पैसेंजर, डेमू और मेमू ट्रेनें दुर्ग रेलवे स्टेशन से चल रही हैं। इसमें 20 ट्रेनें दुर्ग से रायपुर के बीच चल रही हैं। शेष दुर्ग से राजनांदगांव व दल्ली की ओर चलती हैं। रेलवे लोगों की सुविधा के नाम पर ट्रेन तो चला रहा है, लेकिन किराया घटाने पर विचार नहीं कर रहा है।

हर दिन 10 हजार से अधिक यात्री कर रहे लोकल का सफर
दुर्ग रेलवे स्टेशन से हर दिन 5 हजार से अधिक लोग लोकल ट्रेनों का सफर करते हैं। इसी तरह भिलाई पावर हाउस स्टेशन से 4 हजार और भिलाई नगर व भिलाई तीन रेलवे स्टेशन से एक हजार से अधिक यात्री हर दिन रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, बालोद, दल्ली-राजहरा, कांटाभांजी आदि स्थानों के लिए लोकल पैसेंजर, मेमू व डेमू से सफर करते हैं। इसके बाद भी उन्हें दोगुना किराया देने को मजबूर होना पड़ता है।

रेलवे बोर्ड से गाइडलाइन का इंतजार

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ साकेत रंजन का कहना है कि किराया घटाने के संदर्भ में अभी तक रेलवे बोर्ड से कोई गाइड लाइन नहीं आई है। जो गाइड लाइन कोविड के समय आई थी उसी के मुताबिक किराया लिया जा रहा है। कुछ ट्रेनों में एक्सप्रेस ट्रेन से कम किराया लिया जा रहा है। कुछ ट्रेनों में स्पेशल फेयर लिया जा रहा है। आगे जैसी गाइडलाइन आएगी उसके मुताबिक कार्य किया जाएगा।

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