25 को सूर्यग्रहण के साथ सितरंग तूफान का भी साया
जिले में एक दिन बाद मौसम में उतार-चढ़ाव के आसार हैं। हालांकि बारिश होने की संभावना कम है क्योंकि मानसून की विदाई होने के बाद द्रोणिका, चक्रवात सिस्टम कमजोर हो चुके हैं। रविवार को अधिकतम तापमान 30 डिग्री व न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहा। शनिवार की तुलना में अधिकतम तापमान एक डिग्री ज्यादा व न्यूनतम तापमान एक डिग्री कम रहा। अधिकांश समय के लिए मौसम साफ रहा। मौसम विभाग के अनुसार 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण है। इस दिन जिले में सितरंग तूफान का असर भी देखने को मिल सकता है। हालांकि मौसम में उतार-चढ़ाव के बीच बादल छाए रहने के आसार हैं।
सिस्टम कमजोर होने से बारिश होने के आसार कम हैं। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर अंडमान सागर और उससे लगे दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर स्थित है। इसके अलावा ऊपरी हवा का चक्रीय परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए प्रबल होकर और अवदाब के रुप में परिवर्तित होने की संभावना है।
सूर्यग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लगेगा
सूर्यग्रहण के दौरान शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में मंदिरों के पट बंद रहेंगे। पं. मिथलेश शर्मा के अनुसार 25 अक्टूबर की शाम को खंडग्रास सूर्यग्रहण है। जिसका सूतक 12 घंटे पहले यानी इस दिन की सुबह 4.51 बजे से शुरू हो जाएगा। सूर्यग्रहण में शुभ काम नहीं होते। इस साल का यह दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को था जो कि भारत में अदृश्य था। 26 अक्टूबर को बुध तुला राशि में गोचर करेंगे। यहां पहले से ही सूर्य, शुक्र और केतु विराजमान रहेंगे। इससे तुला राशि में ऐसे अद्भुत संयोग का निर्माण होगा।
यह बुध गोचर कुछ राशि वालों को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करवाएगा। दीपावली से पहले मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं, सूर्य तुला राशि में प्रवेश करेंगे और शनि मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे। पंडितों व जानकारों के अनुसार अमावस्या को सूर्य ग्रहण तब घटित होता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तथा वे तीनों एक सीध में आ जाते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण तब घटित होता है। जब चन्द्र चक्रिका सूर्य चक्रिका को आंशिक रूप से ही ढंक पाती है।
आज चक्रवात के रूप में परिवर्तित होगा सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में जो सिस्टम बना है, वह पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 24 अक्टूबर को चक्रवात के रूप में परिवर्तित हो सकता है। जो उत्तर-पूर्व की ओर आगे बढ़ते हुए पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के पास 25 अक्टूबर को ओडिशा तट के आसपास पहुंच सकता है। जिसके असर से जिले में मौसम बदल सकता है। इस चक्रवात का नाम सितरंग (थाइलैंड की ओर से घोषित नाम) रखा गया है।