बाल अधिकारों के संरक्षण पर "निष्ठा से जिम्मेदारी निभाएं शिक्षक" : मंत्री अनिला भेड़िया
महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री अनिला भेंडिया ने कहा कि शिक्षक बच्चों की तकदीर गढ़ने वाला कुशल कारीगर है। शिक्षक अपनी मेहनत, साधना एवं अपने कार्य के प्रतिबद्धता की बदौलत बच्चों को कुशल आकार दे सकता है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षकों को निष्ठापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करना अत्यंत आवश्यक है। श्रीमती भेंडिया शनिवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बाल अधिकारों के संरक्षण विषय पर आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक सह कार्यशाला मोर मयारू गुरुजी को संबोधित कर रही थी।
कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष तेज कुंवर नेताम, सदस्य पूजा खनुजा, आशा संतोष यादव, पुष्पा पाटले, अगस्टीन बर्नाड एवं सोनल कुमार गुप्ता सहित जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रभा सुधाकर, गणमान्य नागरिक पीयूष सोनी के अलावा बाल संरक्षण आयोग के सचिव प्रतीक खरे, एडीएम योगेन्द्र श्रीवास, डिप्टी कलेक्टर अमित श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं अधिकारी व शिक्षक मौजूद थे। श्रीमती भेंडिया ने कहा कि माता-पिता के बाद बच्चों को शिक्षा एवं संस्कार देने का कार्य हमारे शिक्षकों की ही होती है।
संरक्षण को लेकर निरंतर उपाय कर रहे
श्रीमती भेंडिया ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा राज्य में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए निरंतर उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। इस अवसर पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यों एवं उद्देश्यों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सचिव प्रतीक खरे ने बच्चों के कुशल परवरिश के साथ-साथ शिक्षित एवं संस्कारी बनाने के विभिन्न प्रविधियों के संबंध में रोचक एवं प्रेरणास्पद जानकारी दी।