सुख आज है कल चला जाएगा पर गुरु नानक देव जी तो सदा तुम्हारे साथ रहेंगे,, सन्नी भाई साहब
धन गुरु नानक दरबार डेरा संत बाबा थाहिरिया सिंह साहेब जी जहराभाटा सिंधी कॉलोनी स्थित दरबार में तीन दिवसीय 7 ,,,8,,9 अक्टूबर को महान कीर्तन दरबार सजाया गया धन गुरु रामदास जी के 488 गुरुपूरब के अवसर पर इस महान कीर्तन दरबार में नवसारी गुजरात से सनी भाई साहब विशेष रुप से बिलासपुर पधारे वह अपनी अमृतवाणी में शबद कीर्तन की शुरुआत
रात्रि 9:00 बजे 11:00 बजे हुआ प्रथम दिवस शब्द कीर्तन में सनी भाई साहब ने फरमाया कि सुख आएगा जाएगा पर गुरु का नाम गुरु नानक देव जी तो सदा तुम्हारे साथ रहेंगे कुछ लोग जब दुख होता है तभी संतो के चरणों में जाते हैं गुरु के चरण में जाते हैं और भगवान को याद करते हैं और जब सुख आता है तो उन्हें भूल जाते हैं वह यह बात याद नहीं रखते हैं कि सुख दो क्षणों का होता है वह सदा साथ नहीं रहता है सदा तो गुरु का नाम ,गुरु की वाणी ,गुरु का सिमरन व गुरु ही साथ रहेगा जो हर दुखों से तुम्हें छुटकारा दिलाएगा...
ऐसे गुरु पर मेहरबान होना चाहिए पर हम अपने स्वार्थ की खातिर उन्हें भूल जाते हैं यह मानव जीवन मिला है तो दौलत कमाने के लिए नहीं मिला है सत्संग में जाने के लिए, सिमरन करने के लिए, गुरु घर की सेवा करने के लिए, गुरु का नाम जपने के लिए मिला है जो व्यक्ति सिर्फ धन दौलत के पीछे भागता है आखिर में उसके हाथ में कुछ नहीं आता है सारी धन दौलत यहीं छूट जाती है खाली हाथ वह जाता है जिसके लिए सारी उम्र गुरु से दूर रहा वह चीज उसके साथ में नहीं रहती है अंत में उसे गुरु का नाम जपने के लिए कहा जाता है पर तब तक देर हो चुकी होती है यह दौलत यही छूट जाएगी पर गुरु का नाम गुरु का सिमरन सत्संग में जाकर जो फल प्राप्त किया है वह हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा और मरने के बाद भी साथ जाएगा यह बात अगर आप सब लोग समझ जाओगे तो आपका जीवन मरन दोनों सफल हो जाएगा
कुछ लोग गुरु घर जाते हैं सत्संग में जाते हैं और जैसे ही गुरु की कृपा होती है वह अपने आप को गुरु से बड़ा समझने लगते हैं और दूसरे भक्तों पर रोप झाड़ते हैं सच्चा भक्त जो होता है वह हमेशा झुकता है मीठी वाणी बोलता है कभी भी घमंड नहीं करता है वही व्यक्ति अंत समय में भगवान के समीप पहुंचता है भगवान को भी वही व्यक्ति पसंद है जो सत्य कर्मों पर चले सत्य मार्ग पर चले हमेशा मीठा बोलिए यह जुबान है जो महाभारत और रामायण मैं इतना सारा युद्ध हुआ करवा दिया जब भी आप लोग विरोध करते हो उस समय आप की हड्डियां भी अग्नि में तपती रहती है इसीलिए क्रोध को त्याग करें भगवान का नाम जपते गुरु का नाम से सिमरन करें जो लोग दिन भर खाते पीते रहते हैं छप्पन भोग खाते हैं खुश रहते हैं प्रभु का नाम नहीं जपते उन लोगों को अगले जन्म में बेल बनना पड़ता है दिनभर खेतों में काम करेंगे और शाम को खाने को मिलेगा भूसा चारा दिनभर पैसा पैसा करते हैं उन्हें अगले जन्म में सर्प योनि मिलती है गुरु की प्यारी संगत आप लोग बड़े भाग्यशाली हैं कि आप लोग यहां इस गुरु घर पहुंचे हैं शब्द कीर्तन का लाभ ले रहे हैं संपूर्ण लाभ तभी मिलेगा जब इस पर अमल करोगे
गुरु की प्यारी संगत इस पावन अवसर पर गुरु घर हाजिरी लगाकर अपने जीवन को सफल बनाया कार्यक्रम के आखिर में अरदास की गई प्रसाद वितरण किया गया गुरु का अटूट लंगर बरताया गया
इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में धन् गुरु नानक दरबार के प्रमुख प्रबंधक भाई साहब मूलचंद नारवानी जी सेवादार डॉ हेमंत कलवानी जी पूर्व पार्षद सुरेश वाधवानी नानक पंजवानी प्रकाश जज्ञासी सोनू लालचंदानी विजय दुसेजा राजू धामेचा जगदीश सुखीजा राजेश माधवानी चंदू मोटवानी विष्णु धनवानी जगदीश जज्ञासी भोजराज नरवानी मेघराज नाराा अनिता नारवानी पलक हरपाल राखी वर्षा सुखीजा रमेश महेश चंदानी गंगाराम सुखीजा रमेश भगवानी सभी सेवादारों का विशेष सहयोग रहा।
श्री विजय दुसेजा जी की खबर