पशु चिकित्सा विभाग ने रविवार को भर्रीटोला पहुंचक बीमार भेड़ो का उपचार किया व शनिवार को मृत हुए भेड़ का पोस्टमार्टम किया
कुसुमकसा -- कृमिनाशक से 15 वत्स सहित 43 भेड़ो की मौत का खबर खबरसंगवारी मे प्रकाशित होते ही पशु चिकित्सा विभाग ने रविवार को भर्रीटोला पहुंचकर बीमार भेड़ो का उपचार किया व शनिवार को मृत हुए भेड़ का पोस्टमार्टम किया ,जिसमे मृत भेड़ के गाड़ ब्लेडर में सूजन होना बताया गया ,रविवार को अनेक भेड़ो के लिए दवाइयां दी गयी ,तो वही तीन बड़े भेड़ व एक भेड़ के बच्चे ग्लूकोज भी चढ़ाया गया वही अनेक भेड़ो का ब्लड सेम्पल लिया गया है व मृत भेड़ जिसका पोस्टमार्टम किया गया उसका स्नेयर सेम्पल लेकर जांच के लिए बालोद जिला मुख्यालय ले गये है ,
भेड़ पालक नित्यदिन हो रहे भेड़ो की मौत को लेकर अचम्भित है की भेड़ो की मौत कैसे हो रही है ,पशु चिकित्सक भी मृत भेड़ के पोस्टमार्टम करने के बाद लम्स में इंफेक्शन के कारण भेड़ का मौत का कारण बताया रहे है ,किन्तु इंफेक्शन का कारण कृमिनाशक दवाई पिलाने से या अन्य कोई कारण है बता पाने में असमर्थ है
शनिवार को रात को दो भेड़ो की मौत हो गयी जिसमे से रविव्वार को एक मृत भेड का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सकों ने किया , पशुपालक चिंतित है कि पशु चिकित्सा विभाग तीन दिन पहले बालोद में मृत भेड़ का पोस्टमार्टम किया तो उसके स्नेयर को जांच के लिये भेजे की नही ,रिपोर्ट कब तक आएगी ,तब तक नित्यदिन एक-दो भेड़ो की मौत होती रहेगी या उनका समुचित उपचार हो पायेगा ,गौरतलब है कि डोंडी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत भर्रीटोला 43 में पशु विभाग जिला बालोद के डिप्टी डायरेक्टर डॉ डी के सिहारे ग्राम में श्यामलाल धनकर के भेड़ो की जाँच कर भेड़ो को कृमिनाशक दवाई पिलाने दो बॉटल दवाई दे दिए व भेड़ो की संख्या को देखते हुए दवाई कम पड़ने की बात कहते हुए एक बॉटल दवाई बालोद पशु विभाग से लेकर आने के निर्देश पर श्यामलाल का पुत्र बालोद जाकर कृमिनाशक दवाई की एक बॉटल और लेकर आया था
रविवार को डॉ के के ठाकुर ,डॉ पटेल ,डॉ बी डी साहू ,डॉ ज्योति साहू सहित पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे भेड़ो की अचानक हो रही मौत की खबर पर मिथलेश निरोटी उपाध्यक्ष जिला पंचायत बालोद ग्राम पंचायत भर्रीटोला 43 के पशु पालक श्यामलाल ,शत्रुघ्न , से मिलकर भेड़ो के मृत होने के सम्बंध में जानकारी ली तो धनकर भाइयो ने रोते हुए अपनी पीड़ा बतायी की कुछ दिन पूर्व बालोद जिला के पशु विभाग के बड़े डॉक्टर ग्राम पहुंचकर भेड़ो को देखा व उन्हें कृमिनाशक दवाई देने के लिए दवाइयां दी जिसमे बड़े भेड़ो को 5 से 6 मिलीलीटर दवाई देने की सलाह दी थी हमने प्रत्येक भेड़ो को तीन से चार मिलीलीटर दवाई दी थी दवाई देने के कुछ दिन बाद प्रतिदिन एक -दो भेड़ो की आकस्मिक मौत होने लगी जो संख्या बढ़ती गयी व आज तक 27 बड़े भेड़ व 17 भेड़ बच्चों की मौत हो गयी है ,जिससे उनको लाखो रुपयों का नुकसान हुआ है , मिथलेश निरोटी ने उच्चाधिकारियों चर्चा कर भेड़ो का समुचित उपचार कराने की बात कही।