दुर्ग की डोनेट थोड़ा सा और ल्यासा फाऊंडेशन द्वारा पिछले 8 वर्षो से आंगनबाड़ी के बच्चो के साथ खुशियों की दिवाली बनाई गई
दुर्ग की डोनेट थोड़ा सा और ल्यासा फाऊंडेशन द्वारा पिछले 8 वर्षो से आंगनबाड़ी के बच्चो के साथ खुशियों की दिवाली बनाई गई ये 30 बच्चों के साथ शुरू की गई थी आज 400 बच्चे हमारे साथ दिवाली ही नही बल्कि वर्ष के सभी त्यौहार एक साथ मिल जुल के मानते है डोनेट थोड़ा सा के संस्थापक अभिजीत पारख ने बताया की हमने 30 आंगनबाड़ी को गोद लिया है जिसके तहत हम उन आंगनबाड़ी के सभी बच्चो के साथ जन्मदिन हो या कोई त्यौहार मिल जुल कर एक साथ मानते है ताकि उन बच्चो को भी वो खुशी मिले जो हम अपने घर के बच्चो को देना चाहते है, और साथ ही उनको शिक्षा के लिए भी प्रेरित किया जाता है। संस्था के अध्यक्ष ने बताया की ये कार्यक्रम अकेले नहीं दुर्ग भिलाई या कहे तो छत्तीसगढ़ के बहुत सारे एनजीओ और समाज के सहयोग के साथ मानते हैं। हमारे साथ रेड ड्रॉप छत्तीसगढ़, गगन फाऊंडेशन, नव दृष्टि फाऊंडेशन, सेवक जन फाऊंडेशन जुड़ी हुई है जिनके सहयोग से कार्यक्रम को सफल बनाया जाता है। हम बच्चो के लिए इस दिवाली या कहे खुशियों की दिवाली के लिए 1 वर्ष पहले से ही तैयारी करना शुरू कर देते है ताकि बच्चो को हर बार कुछ नया अनुभव मिले। उन बच्चो के लिए डांस , ड्राइंग, गायन, रंगोली, मॉडलिंग जैसे कई प्रतियोगिता करते हैं। बच्चो को पहले ही नया ड्रेस दे दिया जाता है ताकि वे दिवाली खुशियों के साथ मनाए, उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी संस्था के द्वारा की जाती है सभी के लिए किताबें एवम पढ़ाई के सामान, पटाखे, मिठाई, नमकीन, खिलोने आदि खुशियों की झोली में घर जाते वक्त बच्चो के हाथ में उपहार स्वरूप दे दिया जाता है ।