डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से धान खरीदी के लिए निगरानी समिति बनाने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से धान खरीदी के लिए निगरानी समिति बनाने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से धान खरीदी के लिए निगरानी समिति बनाने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से धान खरीदी के लिए निगरानी समिति बनाने की मांग की

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से धान खरीदी के लिए निगरानी समिति बनाने की मांग की है,धान खरीदी में अनियमितता रोकने निगरानी समिति अत्यंत आवश्यक है,हर वर्ष धान खरीदी केंद्रों में सूखत के नाम से एक्स्ट्रा खरीदी कर किसानों की जेब में डाका डालने का खेल खेला जाता है,शासन के नियम के अनुसार एक बारदाने में 40 किलो धान भरा जा सकता है,उसमें बारदाने के वजन के बदले 680 ग्राम ज्यादा धान भरने की छूट है,इस छूट की आड़ में कुछ समिति वाले 800 ग्राम से एक किलो ग्राम तक एक्स्ट्रा धान भरते हैं,किसान आपत्ति करे तो कह दिया जाता है कि परिवहन समय पर नहीं होने से धान फड़ में पड़े रहने से सूखता है,जिसके बाद एक बोरे का वजन 40 किलो से कम हो जाता है,समिति को होने वाले इस नुकसान के बदले किसानो का धान ज्यादा लेकर शार्टेज की समस्या दूर कर ली जाती है,इसलिए सोसायटियों में तीन साल से शार्टेज की समस्या नहीं आई है,तथा धान का तौल होते ही बारदाने का सिलाई करना होता है,लेकिन कुछ समिति प्रबंधक तत्काल बोरी की सिलाई नहीं कराते,खरीदी के समय तौल में समिति प्रबंधक किसानों से जो अतिरिक्त धान लेते हैं उस एक्स्ट्रा धान को निकालने के बाद सिलाई करते हैं,फिर निकाले गए धान को उन किसानों के नाम से खपाया जाता है जिनके पास कृषि जमीन तो होती है साथ ही उनका भी पंजीयन भी होता है, लेकिन वे धान का उत्पादन नहीं करते हैं,तथा कभी सर्वर डाउन कभी खरीदी की लिमिट तय तो कभी टोकन कटने की लिमिट तय होने की बात तो कभी अन्य तरह से किसानों को परेशान किया जाता है,इन सब समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने धान खरीदी की निगरानी के लिए जल्द से जल्द उच्चस्तरीय निगरानी  समिति गठित करने की मांग मुख्यमंत्री से किया है।



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