डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की

डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की 

दुर्ग नगर निगम के पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र प्रेषित कर प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग किया है।पूर्व एल्डरमैन डॉ. प्रतीक उमरे ने बताया कि लोगों को न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है,लेकिन बदली हुई परिस्थिति में वकीलों की सुरक्षा भी काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है।उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने इसे अपने प्राथमिकता में रखा था।छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है,मुख्यमंत्री को अपना वादा जल्द पूरा करना चाहिए।अधिवक्ताओं पर हिंसात्मक मामले बढ़े हैं।ऐसे में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना आवश्यक है।प्रदेश में लगभग 30 हजार से अधिक अधिवक्ता विधि व्यवसाय में संलग्न हैं।समाज का हमारा यह वर्ग कानून की रक्षार्थ अपना पूरा जीवन समर्पित करता है। ऐसे में उनकी रक्षा का दायित्व भी सरकार की होनी चाहिए ताकि प्रत्येक अधिवक्ता अपने दायित्व का निर्वहन निर्भय होकर स्वतंत्रता पूर्वक कर सकें।सरकार द्वारा वादा पूरा न करने से प्रदेश के समस्त अधिवक्ताओं मे रोष एवं निराशा व्याप्त है। सुरक्षा अधिनियम में अधिवक्ताओं को उनके कर्तव्य के निर्वहन करने से रोकने या उसमें बाधा पहुंचाने के लिए उन पर हमला करने,चोट पहुंचाने,धमकी देने इत्यादि को प्रतिबंधित करते हुए दंडित किए जाने और किसी भी सूचना को जबरन उजागर करने का दबाव बनाने,पुलिस अथवा किसी अन्य पदाधिकारी से दबाव डलवाना वकीलों को किसी केस में पैरवी करने से रोकना,वकील की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना,किसी वकील के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करना आदि इस कानून की श्रेणी में रखा जाए।इसके अतिरिक्त अधिवक्ता को जरूरत पड़ने पर पुलिस सुरक्षा का भी प्रावधान हो।


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