साईं मसन्द का १० अक्टूबर से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने की मुहिम अंतर्गत राजस्थान व महाराष्ट्र का दौरा

साईं मसन्द का १० अक्टूबर से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने की मुहिम अंतर्गत राजस्थान व महाराष्ट्र का दौरा

साईं मसन्द का १० अक्टूबर से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने की मुहिम अंतर्गत राजस्थान व महाराष्ट्र का दौरा

साईं मसन्द का १० अक्टूबर से भारत को पुन: विश्वगुरु बनाने की मुहिम अंतर्गत राजस्थान व महाराष्ट्र का दौरा


कोटा में संत कंवरराम साहिब एवं उल्हासनगर में शहंशाह वसणशाह साहिब के वर्सी समारोह के रहेंगे विशेष अतिथि


रायपुर। मसन्द सेवाश्रम रायपुर के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब ७५ वर्ष की वृद्धावस्था के बावजूद पिछले दस वर्षों से देश के शंकराचार्यों, जगद्गुरुओं, अन्य बड़े संतों एवं वरिष्ठ समाज सेवकों को प्रजातांत्रिक प्रणाली में भी भारत को पुन: विश्वगुरु एवं समृद्घ राष्ट्र बनाए जा सकने की अपनी योजना से अवगत कराने देश का लगातार दौरा कर रहे हैं। वे उन्हें इसके लिए देश में हर युग में लागू रहे सनातन वैदिक सिद्धांतों पर आधारित धर्म का शासन पुन: स्थापित कराने की आवश्यकता तथा उसके सफल क्रियान्वयन के उपायों के संदर्भ में अपनी १४ सूत्रीय कार्य योजना की पुस्तिका भी सौंंपते हैं।
          
साईं मसन्द साहिब गत् दिनों अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली, हरिद्वार, रीवां, सतना, श्रीधाम आदि अनेक स्थानों का करीब डेढ महीने का लगातार दौरा करने के बाद अब पुनः १० अक्टूबर से राजस्थान व महाराष्ट्र के १३ दिवसीय दौरे पर प्रस्थान कर रहे हैं। वे १४ से १६ अक्टूबर तक कोटा, राजस्थान में आयोजित अमर शहीद संत कंवरराम साहिब के ८२वें तथा १९ से २२ तक उल्हासनगर, महाराष्ट्र में शहंशाह साईं वसणशाह साहिब के १२८वें वर्सी समारोह के विशेष अतिथि रहेंगे। इस दौरान वे अपनी मुहिम के अंतर्गत आयोजित कुछ बैठकों को भी सम्बोधित करेंगे।
          
साईं मसन्द साहिब ने बताया कि भारत को पुन: विश्वगुरु एवं समृद्घ राष्ट्र बनाने की अपनी मुहिम पर दस वर्षों तक लगातार प्रयास करते रहने के बाद अब इसके अपेक्षित सुखद परिणाम स्पष्ट दिखाई देने लगे हैं। पिछ्ले माह २३ सितम्बर को पूज्यपाद ब्रह्मलीन जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज की तेरहवीं पर नरसिंहपुर जिले के श्रीधाम में आयोजित श्रद्धांजली सभा में ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के लिए नवनियुक्त उनके उत्तराधिकारी शंकराचार्य स्वामीश्री: अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब उनके जीवन का लक्ष्य भारत को पुन: विश्वगुरु बनाना रहेगा।

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