शंकर साहू को मिल रहा है व्यापक समर्थन
= अधिकांश जिलों के शिक्षकों ने लिया उन्हें जिताने का संकल्प =
= सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं साहू =
= रायपुर में मतदान 09 को, ज्यादातर शिक्षक भी आए साथ =
राजनांदगांव//- छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन की प्रदेश इकाई के चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. बस्तर में पढ़ाई कर चुके तथा पड़ोसी बालोद जिले के ग्राम-अर्जुनी के निवासी है तथा वर्तमान में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के मोहला ब्लॉक के ग्राम-माटकसा के शासकीय प्राथमिक शाला-माटकसा में सहायक शिक्षक L.B. के रूप में कार्यरत है। सहायक शिक्षक- शंकर साहू फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार हैं। उन्होंने अपना नामांकन दाखिल करने के बाद जिले में प्रचार अभियान चलाया। दावा किया जा रहा है कि शंकर साहू को सहायक शिक्षकों का व्यापक समर्थन मिल रहा है और उनकी जीत सुनिश्चित है।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फ़ेडरेशन प्रदेश के सबसे बड़ा कर्मचारी संगठन है, प्रदेश के सहायक शिक्षकों का एक बड़ा संगठन है, जो सहायक शिक्षकों के हित के लिए संघर्ष में सदैव अग्रणी रहा है। शंकर साहू 02 साल तक संकुल अध्यक्ष, 03 साल तक ब्लॉक अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन में वर्ष 2018 से अगस्त 2022 तक राजनांदगांव जिला अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं, वे शुरू से फ़ेडरेशन के बैनर तले हुए सभी आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभा चुके हैं.
शंकर साहू की पढ़ाई लिखाई बस्तर संभाग में भी हुई है, लिहाजा वे बस्तर के शिक्षकों की पीड़ा से भलीभांति अवगत हैं। शिक्षक बनने के बाद शंकर साहू जहां भी पदस्थ रहे, विद्यार्थियों का भविष्य संवारने के साथ साथ प्रदेश के सहायक शिक्षिकों के हित और अधिकारों के लिए संघर्ष करने में कतई पीछे नहीं रहे। यही वजह है कि वे विद्यार्थियों व पालकों के साथ ही शिक्षकों के बीच भी सामान रूप से लोकप्रिय हैं। संकुल, ब्लॉक से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक शंकर साहू सहायक शिक्षकों की मुखर आवाज़ बनकर आगे रहे हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ प्रदेश के सहायक शिक्षकों का व्यापक समर्थन मिलने की एक बड़ी वजह यह भी है।
उन्होंने मां दंतेश्वरी की पावन भूमि की मिट्टी को माथे पर लगाकर तथा मां दंतेश्वरी की पूजा अर्चना कर अपना नामांकन दाखिल किया. उनके बस्तर दौरा में चुनावी प्रचार-प्रसार के दौरान शंकर साहू के साथ सहायक शिक्षक साथीगण भी मौजूद थे। नामांकन दाखिले के बाद शंकर साहू ने साथियों के साथ सघन प्रचार अभियान भी चलाया।