विद्यालय में मनाई आत्मानंद की जयंती कविता के जरिए बताई उनकी जीवनी

विद्यालय में मनाई आत्मानंद की जयंती कविता के जरिए बताई उनकी जीवनी

विद्यालय में मनाई आत्मानंद की जयंती कविता के जरिए बताई उनकी जीवनी

विद्यालय में मनाई आत्मानंद की जयंती कविता के जरिए बताई उनकी जीवनी

बालोद: स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय बालोद में सेजेस पोर्टल के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार स्वामी आत्मानंद जयंती का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुरुआत में स्वामी आत्मानंद जी के छायाचित्र पर छात्राओं द्वारा पूजा अर्चना एवं वंदना प्रस्तुत की गई। प्राचार्य अरूण कुमार साहू ने स्वामी आत्मानंद के शैक्षिक उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए कहा कि स्वामी जी ने रामकृष्ण मिशन के नागपुर आश्रम में रहकर स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रभावित होकर संन्यास का मार्ग अपना लिया।

स्वामी विवेकानंद के 2 वर्ष रायपुर प्रवास को स्मरणीय बनाने के लिये विवेकानंद आश्रम की स्थापना की। व्याख्याता एसएन दुबे ने कहा कि भारत की आजादी के बाद सन 1957 में स्वामी शंकरानंद ने उन्हें ब्रम्हचर्य में दीक्षित कर स्थानी तेज चैतन्य नाम दिया। स्वामी भास्करश्वरानंद के सानिध्य में संस्कार की शिक्षा ग्रहण कर स्वामी आत्मानंद नाम से प्रख्यात हुए। कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने स्वामी आत्मानंद के जीवन परिचय एवं विचारों से कविता भाषण की प्रस्तुति दी।

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